दिल्ली: शराब की निजी दुकानें बंद होने के कारण जीविका के नये साधन तलाश रहे हैं कर्मचारी

By भाषा | Updated: September 30, 2021 19:37 IST2021-09-30T19:37:48+5:302021-09-30T19:37:48+5:30

Delhi: Employees are looking for new means of livelihood due to the closure of private liquor shops | दिल्ली: शराब की निजी दुकानें बंद होने के कारण जीविका के नये साधन तलाश रहे हैं कर्मचारी

दिल्ली: शराब की निजी दुकानें बंद होने के कारण जीविका के नये साधन तलाश रहे हैं कर्मचारी

नयी दिल्ली, 30 सितंबर दिल्ली के गोविंद पुरी इलाके की एक निजी शराब की दुकान के सेल्समैन नीलेश कुमार ने बृहस्पतिवार को अपने काम के आखिरी दिन कहा कि वह भविष्य में क्या करेंगे, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नयी आबकारी नीति लागू होने के बाद एक अक्टूबर से नीलेश की दुकान समेत शराब की सभी 260 निजी दुकानें बंद हो जाएंगी। दिल्ली सरकार की नयी आबकारी नीति के तहत शराब की 260 निजी दुकानों सहित सभी 850 शराब की दुकानें टेंडर के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं। नए लाइसेंस धारक शराब की खुदरा बिक्री 17 नवंबर से शुरू करेंगे।

इस दौरान केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानें खुली रहेंगी, जोकि 16 नवंबर को बंद हो जाएंगी।

सरकार की नयी आबकारी नीति के कारण, शराब की निजी दुकानों पर काम करने वालों का भविष्य अधर में लटक गया है। इन दुकानों के मालिकों और कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने जीविका के नये साधनों की तलाश करना शुरू कर दिया है। कुछ लोग प्रापर्टी डीलर का काम करने की सोच रहे हैं जबकि कुछ अन्य क्षेत्रों में किस्मत आजमाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। कुछ लोग तो सेवानिवृत्त होने के बारे में भी सोच रहे हैं।

सरकार की नयी आबकारी नीति से प्रभावित होने वाले नीलेश अकेले व्यक्ति नहीं हैं। राष्ट्रीय राजधानी में निजी शराब की दुकानें बंद होने से करीब 3,000 ऐसे कर्मचारियों के प्रभावित होने की संभावना है।

नीलेश का कहना है कि उनके पास कोई अन्य नौकरी या व्यवसाय नहीं है और अब वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में अपने गृहनगर जाने के बारे में सोच रहे हैं।

नीलेश ने कहा, ‘‘मैं अपने भविष्य को लेकर पूरी तरह से संशय में हूं। मेरे पास अपने गृहनगर जाने और अपने बल पर कुछ नया शुरू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। मैं शराब की दुकान पर अच्छा कमाता था और मेरे पास कुछ अन्य काम करने का कोई अन्य कौशल नहीं है। लेकिन अब सरकार की नयी शराब नीति के कारण सभी निजी शराब की दुकानें बंद हो रही हैं, इसलिए मुझे वापस जाना होगा।’’

दिल्ली शराब व्यापारी संघ के अध्यक्ष नरेश गोयल ने कहा कि निजी शराब की दुकानें बंद होने से इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और ऐसे प्रतिष्ठानों के मालिकों और प्रबंधकों ने अपनी जीविका के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश शुरू कर दी है।

नरेश गोयल ने कहा, ‘‘ शराब की दुकानों के कुछ मालिकों के पास अन्य व्यवसाय भी हैं, इसलिए वे अपना ध्यान उन पर केंद्रित कर सकते हैं, जबकि कुछ प्रॉपर्टी से जुड़े कारोबार में जाने की सोच रहे हैं। मैं इस व्यवसाय से जुड़े हुए कई ऐसे लोगों को भी जानता हूं जो नौकरी की तलाश कर रहे हैं और यहां तक कि 16 नवंबर के बाद शुरू होने वाली नयी आकर्षक दुकानों में प्रबंधकों के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं।

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