धोखाधड़ी मामले में अपराध शाखा के विवेक के बारे में दिल्ली की अदालत ने पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: July 19, 2021 19:05 IST2021-07-19T19:05:04+5:302021-07-19T19:05:04+5:30

Delhi court seeks police commissioner's reply about crime branch's discretion in cheating case | धोखाधड़ी मामले में अपराध शाखा के विवेक के बारे में दिल्ली की अदालत ने पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा

धोखाधड़ी मामले में अपराध शाखा के विवेक के बारे में दिल्ली की अदालत ने पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 19 जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस आयुक्त को कथित धोखाधड़ी के मामले में दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) के संबंध में अपराध शाखा द्वारा प्रयोग किए गए विवेकाधिकार के कारणों को स्पष्ट करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपी नईम कुरैशी के खिलाफ दिसंबर 2019 में एक वरिष्ठ नागरिक की शिकायत पर धोखाधड़ी, जालसाजी, संपत्ति के गबन और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी।

मामले में एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्राथमिकी में कोई विशेष कारण नहीं बताया गया कि मामला अपराध शाखा पुलिस स्टेशन में क्यों दर्ज किया गया, संबंधित पुलिस थाने में क्यों नहीं।

न्यायाधीश ने 18 जुलाई के आदेश में कहा, ''इस आदेश की एक प्रति दिल्ली पुलिस आयुक्त को भेजी जाए, जो दक्षिण पूर्व के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष संबंधित विशेष सीपी/अपराध द्वारा प्रयोग किए गए विवेकाधिकार के कारणों की व्याख्या करते हुए जवाब दाखिल करें।''

इसके अलावा, अदालत ने पुलिस आयुक्त को 31 जुलाई तक विभिन्न अपराधों के संबंध में अपराध शाखा को पिछले एक साल में किए गए सभी अभ्यावेदन की एक सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने उन मामलों का विवरण भी मांगा जिनमें प्राथमिकी दर्ज की गई थी और जिसमें प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही पुलिस आयुक्त से प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के कारणों के बारे में भी पूछा गया है।

अदालत ने निर्देश दिया कि आदेश की प्रति आवश्यक जानकारी के लिए गृह मंत्रालय के सचिव को भी भेजी जाए।

इस बीच, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने मामले में हाल ही में गिरफ्तार कुरैशी को 31 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि कुरैशी ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर एक सुनियोजित आपराधिक साजिश रची और सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी करके उसे और उसके रिश्तेदारों से 77,60,000 रुपये की ठगी की।

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Web Title: Delhi court seeks police commissioner's reply about crime branch's discretion in cheating case

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