नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 के 349 नए मामले सामने आए जिसके बाद कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 4,898 पहुंच गई। राज्य सरकार के हवाले से यह जानकारी मिली। दिल्ली सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को कोविड-19 संक्रमण के कारण एक भी मौत नहीं हुई। रविवार को कोविड-19 के 427 नए मामले सामने आए थे जिसके बाद कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 4,549 पहुंच गई।
यह एक दिन में पुष्ट मामलों की सबसे अधिक संख्या थी। दिल्ली में अब तक 64 लोग इस संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 40 दिन से लागू सख्त लॉकडाउन के बीच सोमवार को थोड़ी राहत मिलने के पहले ही दिन लोगों द्वारा शराब की दुकानों पर सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन नहीं किए जाने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चेतावनी दी कि अगर लोग किसी इलाके में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करेंगे तो सरकार उस इलाके में दी गई सभी रियायतें वापस ले लेगी।
शराब की दुकानों के बाहर सामाजिक दूरी के मानदंडों की धज्जियां उड़ाते हुए ग्राहकों को देखते हुए दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने एक रिपोर्ट तैयार की जिसमें अनुसार लोगों की भीड़ से बचने के लिए शराब की बिक्री का समय बढ़ाया जा सकता है। सोमवार देर रात दिल्ली सरकार ने शराब बिक्री पर 70 प्रतिशत “विशेष कोरोना शुल्क” लगाकर मूल्य में भारी वृद्धि का आदेश जारी किया। एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा दी गई लॉकडाउन रियायतों के अनुसार शहर में लगभग 150 सरकारी शराब की दुकानों को सुबह नौ बजे से शाम 6.30 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है।
जांच के त्वरित परिणाम के लिए 23 प्रयोगशालाओं में नमूनों को भेजा जा रहा है
आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सोमवार को बताया कि कोरोना वायरस की जांच के परिणाम तेजी से प्राप्त करने के लिए वह राष्ट्रीय राजधानी में 23 लैब को नमूने भेज रही है, जिसमें 13 निजी और दस सरकारी क्षेत्र की प्रयोगशालाएं हैं। दिल्ली सरकार के हलफनामे का संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने एक जनहित याचिका का निस्तारण किया, जिसमें केंद्र और दिल्ली की सरकार को निर्देश देने की मांग की गई कि कोरोना वायरस की तेजी से जांच सुनिश्चित की जाए और 48 घंटे के अंदर परिणाम घोषित किए जाएं। एक वकील की तरफ से दायर याचिका पर अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदम को देखते हुए अब इसमें कुछ नहीं बचा है। दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने पीठ को सूचित किया कि नमूनों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल्स (एनआईबी), नोएडा के पास नहीं भेजे जाने का निर्णय किया गया है, क्योंकि वहां की जांच प्रक्रिया काफी धीमी है।