बढ़ती प्याज की कीमतों के बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उनकी सरकार भारी मात्रा में प्याज खरीदने जा रही है और उसे लोगों को मोबाइल वैन के जरिये 24 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
इससे पहले सितंबर में केंद्र ने दिल्ली सरकार से बफर स्टॉक से प्याज लेकर उसे नागरिक आपूर्ति विभाग और राशन की दुकानों के जरिये 23.90 रुपये किलो के भाव पर बेचने को कहा था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज के ऊंचे दाम को देखते हुए केंद्र ने यह कदम उठाया था।
दिल्ली में प्रतिदिन 350 टन प्याज की जरूरत है जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर की जरूरत प्रतिदिन 650 टन प्याज की है। केंद्र ने इस साल 56,000 टन प्याज का बफर स्टाक बनाया है। इसमें से 10,000-12,000 टन नाफेड, एनसीसीएफ और मदर डेयरी ने अब तक बेचा है। खरीफ उत्पादन कम होने के कारण प्याज की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। उत्पादक राज्यों विशेषकर महाराष्ट्र में खेती के रकबे में 10 प्रतिशत की गिरावट के कारण प्याज के दामों में तेजी आयी है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर पहुंच चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में मानसून की भारी बारिश से आपूर्ति प्रभावित हुई है जिसकी वजह से इसकी कीमतों में उछाल आया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले सप्ताह प्याज की खुदरा कीमत 57 रुपये किलो रही। वहीं मुंबई में यह 56 रुपये, कोलकाता में 48 रुपये और चेन्नई में 34 रुपये किलो थी। गुरुग्राम और जम्मू में प्याज 60 रुपये किलो पर पहुंच गया है।
हालांकि, आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह के अंत तक प्याज के खुदरा दाम 70 से 80 रुपये किलो पर पहुंच गए। इससे पिछले सप्ताह यह 50 से 60 रुपये किलो थे। केंद्र सरकार ने प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
इसके बावजूद प्याज के दाम चढ़ रहे हैं। एक सूत्र ने कहा, ‘‘सरकार ने पिछले कुछ सप्ताह के दौरान घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन पिछले दो-तीन दिन में उत्पादक राज्यों में भारी बारिश की वजह से आपूर्ति प्रभावित होने से प्याज की खुदरा कीमतों में भारी इजाफा हुआ है।
सूत्र ने कहा कि आपूर्ति में यह बाधा सीमित समय के लिए है। यदि अगले दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य नहीं होती है तो सरकार व्यापारियों के लिए गंभीरता से भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है। मौसम विभाग के अनुसार प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों विशेषरूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में पिछले दो दिन में अत्यधिक बारिश हुई है। व्यापारियों का कहना है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में अभी भंडारण वाला प्याज बेचा जा रहा है। खरीफ या गर्मियों की फसल नवंबर से बाजार में आएगी।