किसान आंदोलनः कल पटना में धरना देंगे तेजस्वी यादव, कहा-कृषि बिल एक काला कानून, एमएसपी पर बात जरूरी
By एस पी सिन्हा | Updated: December 4, 2020 15:15 IST2020-12-04T15:14:27+5:302020-12-04T15:15:39+5:30
कृषि कानून को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. राजद नेता ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए राजद, कांग्रेस और वाम दल शनिवार को गांधी मैदान में सुबह 10 बजे से महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने बैठकर धरना करेंगे.

धरना में महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस और वाम दल भी शामिल होंगे. (photo-ani)
पटनाः बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने किसान आंदोलन के सवाल पर केंद्र और बिहार की नीतीश सरकार पर हमला बोला. उन्होंने देश में जारी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह नया कृषि बिल एक काला कानून है.
उन्होंने आज प्रेस कांफ्रेंस कर एलान किया कि किसानों के समर्थन में कल पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के सामने किसानों के समर्थन में पार्टी धरना देगी. धरना में महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस और वाम दल भी शामिल होंगे. इसके साथ ही उन्होंने बिहार के किसानों से आग्रह किया कि वो भी आंदोलन करें.
इस मौके पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बताया कि गांधी के विचारों का हनन किया जा रहा है, इसलिए राजद गांधी मैदान में गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर धरना प्रदर्शन करेगी. जबकि तेजस्वी यादव ने कहा कि देश भर के किसानों में सरकार के प्रति बड़ी नाराजगी है. हमने किसानों का मुद्दा उठाया. यह वहीं सरकार है जो कह रही थी कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी.
एमएसपी के बगैर कैसे दोगुनी होगी आय?
भला एमएसपी के बगैर कैसे दोगुनी होगी आय? सरकार से जवाब मांगा जा रहा है तो वह जवाब नहीं देना चाहती, मुद्दे से भटका रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कृषि कानून को बदलने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हमारा विरोध जारी रहेगा और किसान विरोधी सरकार को हटाकर ही दम लेंगे.
राजद नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानून के विरोध में बिहार के सभी जिलों में राजद ने प्रदर्शन किया. आगे भी करते रहेंगे. तेजस्वी यादव ने कहा कि कृषि बिल के विरोध में 25 सितंबर को हमलोग सड़क पर उतरे थे. मैंने खुद ट्रैक्टर चलाया था.
उन्होंने किसानों को लेकर कहा कि ये कैसी सरकार है, जब देश में किसान परेशान हैं तो पीएम मोदी जी गायब हैं. किसानों को कृषि कानून पर कोई विस्तार से चर्चा नहीं की गई है कि किसान किस प्रकार से काम करेंगे. अगर उन्हें कोई परेशानी हुई तो कहां जाएंगे?
भारत पेट्रोलियम, बीएसएलएल और एलआईसी को प्राइवेट हाथों में बेच रही है
तेजस्वी यादव ने कहा कि फिलहाल के दिनों में मौजूदा सरकार एयर इंडिया, रेलवे, भारत पेट्रोलियम, बीएसएलएल और एलआईसी को प्राइवेट हाथों में बेच रही है. कृषि बिल के नाम पर किसानों को केंद्र सरकार ठग रही है. उन्होंने कहा कि किसान अपने ही लोग हैं, लेकिन उनके आंदोलन को विफल करने की साजिश रची जा रही है.
उन्होंने कहा कि मैं बिहार के किसान और संगठनों से अपील करता हूं कि इस काले कानून के खिलाफ आपलोग सडकों पर आए और इस आंदोलन को मजबूत करें. पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों में आक्रोश हैं. यह वही सरकार हैं जो किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करनी की बात करती है, लेकिन एमएसपी को खत्म कर दिया है.
प्राइवेट कंपनियों से किसान खरीद बिक्री करेंगे
कृषि को भी प्राइवेट हाथ को सौंप रही है. जिससे प्राइवेट कंपनियों से किसान खरीद बिक्री करेंगे. लेकिन सरकार के सारे फैसले को हमलोगों ने देखा है चाहे नोटबंदी हो गया कुछ हो. तेजस्वी यादव ने कहा कि इतनी बडी समस्या सामने है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौन हैं.
कोई भी फैसला जनता का होना चाहिए ना कि किसी व्यक्ति का. अगर कृषि कानून के इतने ही फायदे हैं तो देश भर में किसान इसके खिलाफ क्यों है, भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल ने किनारा क्यों किया? खेल जगत से लेकर सिने जगत के लोग किसान के समर्थन में आगे आएं हैं.
बिहार के किसान बड़ी संख्या में पलायन करते हैं
उऩ्होंने कहा कि बिहार के किसान बड़ी संख्या में पलायन करते हैं, इसका कारण क्या है? कृषि बिल बनाने से पहले किसानों से बात होनी चाहिए थी. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि कृषि रोड मैप तो बना रहे हैं. लेकिन धान के एमएसपी पर बात क्यों नहीं करते? उन्होंने कहा कि खेती किसानी से जुडे़ आंकड़े जारी क्यों नहीं करते? परेशानी आने पर किसान चक्कर लागएंगे, किसानों को चक्कर लगाना पड़ेगा और इस हिसाब से किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
भाजपा के सबसे लंबे सहयोगी अकाली दल के मंत्री जो सहयोगी थे, उनके मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. हतना ही नहीं लोग अपने सम्मान तक वापस कर रहे हैं. फिर भी सरकार नहीं समझ रही है. पहले कोई आंदोलन होता था तो बात होती थी, लेकिन मौजूद सरकार तो बात ही नहीं करती. प्रधानमंत्री को बात सुननी चाहिए थी या नहीं?
जनप्रतिनिधि का यही काम होता है. फैसला जनता का होना चाहिए
जनप्रतिनिधि का यही काम होता है. फैसला जनता का होना चाहिए. कोरोना काल है प्लेन चल रहा है ट्रेन नहीं चल रहा है. सभी लोगों को बर्बाद किया जा रहा है. किसान, मजदूर, व्यवसाय हो या अन्य वर्ग किसी की पूछ मौजूद सरकार में नहीं है. किसी को अधिकार भी नहीं दिया जा रहा है. इसबीच तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव वैसे लोगों में शामिल हैं, जो अकारण किसी विषय का विरोध करते हैं.
Despite being the single largest party of Bihar, RJD has not been invited for the all-party meeting to discuss the COVID-19 situation. It shows that the meeting is just show-off: RJD leader Tejashwi Yadav pic.twitter.com/WCrqo3Ylb1
— ANI (@ANI) December 4, 2020
कृषि कानून पर उन्हें बोलने का हक नहीं है क्योंकि उनके पिता तो किसानों के पशुओं का चारा ही खा गए थे. वह तो किसानों के मसले पर केवल घड़ियाली आंसू ही बहा सकते हैं. वैसे भी तेजस्वी यादव न तो किसान रहे हैं और न ही किसानों की समस्या जानते हैं. संजय ने कहा कि किसानों की समस्या से जुडे़ मसले को लेकर तेजस्वी यादव के दल का विरोध प्रदर्शन उनकी अज्ञानता बताता है.
किसानों की सुविधा को लेकर 2006 से व्यवस्था बिहार में लागू है. तेजस्वी यादव तो नीतीश कुमार की सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे हैं. ऐसा लगता है कि सरकार के काम की उन्हें थोडी भी जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो यह भी कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल से किसानों को फसल खरीद में कोई परेशानी नहीं होगी.


