नई दिल्ली, 19 सितंबरः दिल्ली महिला आयोग ने रोहिणी में एक घर से 50 साल की महिला को उसके भाई की गिरफ्त से छुड़ाया है। इस महिला को उसके भाई ने 2 साल से घर में कैद कर रखा था। बुधवार को 181 महिला हेल्पलाइन पर जब इस बात ई सूचना मिली। जिसके बाद आयोग की टीम वहां पहुंची।
जब आयोग की टीम ने घर के मालिक से घर खोलने को कहा तो भाई की पत्नी ने गेट खोलने से मना कर दिया। इसके साथ ही उसने आयोग के लोगों को गालियाँ देनी शुरू कर दी। आयोग की टीम ने थाने के एसएचओ से बात की जिसके बाद उन्होंने सहायता के लिए पुलिस की एक टीम भेजी।
आयोग और पुलिस की टीम फिर उस घर पर पहुंचे मगर उस महिला ने गेट खोलने से इनकार कर दिया और पुलिस को भी गलियां दीं। गेट खोलने की बहुत कोशिश की गयी मगर गेट नहीं खुला।
इसके बाद दिल्ली महिला आयोग की टीम, पुलिस के साथ पड़ोसी की छत पर होकर उस घर में पहुंची जहां 50 वर्षीय महिला अंदर कैद थी। उसकी हालत बहुत खराब थी।
वह इस कदर भुखमरी की शिकार थी कि वह एक हड्डियों का ढांचा मात्र रह गई है। उस छत पर महिला का मल भी फैला हुआ था। उसको खुले में छत पर रखा हुआ था जिस पर कोई कमरा या शौचालय नहीं था।
महिला के दूसरे भाई ने बताया कि उसकी बहन पूजा (नाम परिवर्तित), उम्र 50 साल मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक नहीं है, अपनी माँ के साथ उनके घर में रहती थी। उसने बताया कि माँ की मृत्यु के बाद वह अपने छोटे भाई के साथ रह रही थी।
उसने बताया कि उसका भाई उस महिला का ठीक से ध्यान नहीं रखता था और उसके साथ उसका परिवार अमानवीय व्यवहार करता था। इसके अलावा महिला ने बताया कि पिछले 2 साल से उसको 4 दिन में एक ही बार रोटी दी जाती थी और उसका भाई किसी को भी उससे मिलने नहीं देता था।
इस मामले में रोहिणी सेक्टर 7 के थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। दिल्ली महिला आयोग की टीम महिला को रोहिणी के अम्बेडकर हॉस्पिटल लेकर आई जहाँ उसका इलाज चल रहा है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल और सदस्या किरण नेगी महिला से अस्पताल में मिलीं। स्वाति मलिवाल ने कहा, “जिस तरह से इस महिला को अमानवीय तरीके से रखा, उसको देख कर मुझे बहुत धक्का लगा।
अभी वह केवल 50 साल की है, जबकि देखने में उसकी उम्र 90 वर्ष से ज्यादा लग रही है। वह इतनी ज्यादा लाचार थी कि वह खुद का ख्याल रखने में भी असमर्थ थी। इतने दिनों तक वह खुली छत पर अपनी गन्दगी में ही पड़ी रहती थी।
महिला के भाई और उसकी पत्नी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर मुकदमा चलाना चाहिए। मुझे दुःख है कि इतने दिनों तक किसी भी पडोसी ने इसकी सूचना पुलिस या आयोग को नहीं दी।
मैं सभी लोगों से अपील करती हूँ कि अगर उनके आसपास ऐसी कोई घटना सामने आती है तो तुरंत इसकी सूचना दें ताकि ऐसी और लड़कियों और महिलाओं को बचाया जा सके।”