दिल्ली विधानसभा चुनावः सीएम केजरीवाल ने कहा- आप अपने काम के आधार पर चुनाव लड़ेगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 6, 2020 04:40 PM2020-01-06T16:40:18+5:302020-01-06T18:08:54+5:30
2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीट पर कब्जा किया। भाजपा ने 3 सीट पर कब्जा किया, वहीं कांग्रेस का खाता नहीं खुला। इस बीच चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने काम के आधार पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि आम आदमी पार्टी अपनी सरकार के किए गए कार्यों के आधार पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 'सकारात्मक' अभियान चलाएगी। सोमवार शाम को एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि आपको लगता है कि पिछले पांच सालों में हमने बेहतर काम किया है तो आप हमें (आप) वोट दें।
साथ ही उन्होंने कहा ‘'हम एक सकारात्मक अभियान चलाएंगे, किसी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।'’ इससे पहले दिन में उन्होंने ट्वीट कर कहा कि चुनाव आप सरकार के कार्यों के आधार पर लड़ा जाएगा। चुनाव आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा के चुनाव 8 फरवरी को होंगे और मतगणना 11 फरवरी को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव की अधिसूचना 14 जनवरी को जारी की जाएगी, जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 24 जनवरी होगी।
दिल्ली विधानसभा की सभी सीटों के लिये मतदान 8 फरवरी को और मतगणना 11 फरवरी को होगी। दिल्ली में 70 विधानसभा की सीट हैं। यहां पर मुख्य मुकाबला आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर लड़ेगी। आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए सकारात्मक अभियान चलाएगी, किसी के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करेगी।
2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीट पर कब्जा किया। भाजपा ने 3 सीट पर कब्जा किया, वहीं कांग्रेस का खाता नहीं खुला। इस बीच चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने काम के आधार पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी। भाजपा दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में चुनाव विकासपरक राष्ट्रवाद और अराजकतावाद के बीच में होना है।