विशेष विवाह अधिनियम के तहत 110 रुपये शुल्क नहीं चुकाने के कारण अंतरधार्मिक दंपति के विवाह पंजीकरण में देरी
By भाषा | Updated: August 9, 2021 13:59 IST2021-08-09T13:59:23+5:302021-08-09T13:59:23+5:30

विशेष विवाह अधिनियम के तहत 110 रुपये शुल्क नहीं चुकाने के कारण अंतरधार्मिक दंपति के विवाह पंजीकरण में देरी
कोच्चि, नौ अगस्त विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के प्रयोजन में नोटिस के साथ 110 रुपये का अपेक्षित शुल्क समय पर भुगतान नहीं करने के कारण एक अंतरधार्मिक जोड़े के विवाह के पंजीकरण में देरी हुई और दुल्हन का सऊदी अरब जाने का कार्यक्रम टल गया, जहां वह नर्स के रूप में काम करती है।
दंपति को केरल उच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली। अदालत ने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह का पंजीकरण या विधि सम्मत कार्रवाई तब तक नहीं होगी जब तक कि अपेक्षित शुल्क के साथ विवाह के प्रयोजन में नोटिस नहीं दिया जाए। दंपति ने शुरू में 11 जून को विवाह अधिकारी को विवाह के प्रयोजन में नोटिस दिया था लेकिन इसके साथ उन्होंने आवश्यक शुल्क नहीं दिया था।
दंपति की ओर से उच्च न्यायालय में पेश हुए वकील आर राजेश ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कुछ हफ्ते बाद ही दंपति को एहसास हुआ कि केरल विशेष विवाह नियम, 1958 के तहत आवश्यक शुल्क का भुगतान नहीं करने के कारण उनके नोटिस को प्रकाशित नहीं किया गया। चूंकि उन्होंने पंजीकरण की तारीख नौ जुलाई को राशि का भुगतान किया, इसलिए अब नोटिस प्रकाशित होने के 30 दिनों के बाद ही विवाह पंजीकरण संभव है, यानी दंपति का विवाह पंजीकरण पांच अगस्त से पहले नहीं किया जा सकता था जबकि उसी दिन दुल्हन को सऊदी अरब जाना था। विवाह अधिकारी पांच अगस्त से पहले विवाह पंजीकरण से इनकार कर रहे थे इसलिए दंपति ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने भी उन्हें कोई राहत नहीं दी।
विवाह अधिकारी नौ अगस्त के बाद उनके विवाह का पंजीकरण करेंगे। उन्होंने बताया कि किसी महिला को अपने पति के लिए वीजा पाने की खातिर विवाह प्रमाणपत्र जरूरी होता है ताकि महिला का पति उसके साथ सऊदी अरब जा सके।
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