(जतिन टक्कर)
शिमला, 21 नवंबर हिमाचल प्रदेश उपचुनावों में मिली हार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए “समय पर सतर्क” करने वाली घटना बताते हुए, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इसे उनकी सरकार के अंतिम मूल्यांकन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। साथ ही कहा कि पार्टी को “अति आत्मविश्वास” ने निराश किया।
राज्य में हाल में हुए उपचुनावों में, भाजपा को अर्की, फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर और मंडी लोकसभा सीट पर भी हार मिली। साल 2019 के आम चुनावों में, पार्टी ने मंडी सीट काफी अंतर से जीती थी।
ठाकुर ने कहा कि इन उपचुनावों में पार्टी की हार के पीछे कई कारण जिम्मेदार थे, जिसके लिए गहरे विश्लेषण की जरूरत है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को एक साक्षात्कार में बताया, “इस हार के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं में अति आत्मविश्वास था, जिसकी हमें इन उप चुनावों में भारी कीमत चुकानी पड़ी। लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले यह हमारे लिए समय पर सतर्क करने वाला है और अब हम कमर कस लेंगे और जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।”
राज्य सरकार में संभावित नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर ठाकुर ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही इस तरह की अफवाह सुन रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं शुरू से ही हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने की अफवाह और अटकलें सुनता रहा हूं। लेकिन एक बात मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भाजपा में जोड़-तोड़ काम नहीं करते, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में। अब तक हमने राज्य के सभी उपचुनावों में जीत हासिल की थी और इस उपचुनाव के परिणाम को मेरी सरकार के अंतिम आकलन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।”
उपचुनाव परिणामों पर ठाकुर ने कहा कि भाजपा मंडी लोकसभा सीट मामूली अंतर से हारी। साथ ही कहा कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा था और उन्हें सहानुभूति का फायदा मिला।
आगामी विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए ठाकुर ने कहा कि भाजपा के पास मजबूत कैडर आधार है और वह राज्य का भ्रमण कर उनमें नई ऊर्जा का संचार करेंगे।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।