बिहार में आई लिंगानुपात में कमी, प्रदेश में लड़कियों की संख्या प्रति 1000 पर केवल इतनी
By एस पी सिन्हा | Updated: November 10, 2024 20:31 IST2024-11-10T20:31:11+5:302024-11-10T20:31:11+5:30
समाज कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव सह महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हारा ने हाल ही में सभी जिलाधिकारियों और विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर लड़कियों की घटती संख्या पर चिंता जाहिर की थी।

बिहार में आई लिंगानुपात में कमी, प्रदेश में लड़कियों की संख्या प्रति 1000 पर केवल इतनी
पटना: बिहार में लड़कियों के अनुपात में कमी आने की खबर से सरकार की चिंता बढ गई। दरअसल, सरकार की यह पहल रही है कि लिंगानुपात को समानुपातिक किया जाए। लेकिन उसके ठीक उलट लड़कियों के अनुपात में कमी दर्ज की गई है। हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम यानी एचएमआईएस के जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लड़कियों की संख्या प्रति 1000 पर केवल 882 ही रह गई है। यह अनुपात 2022-23 के 894 और 2021-22 में 914 से बेहद कम हो गया है। कई जिलों में तो स्थिति और भी बदतर है। समाज कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव सह महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हारा ने हाल ही में सभी जिलाधिकारियों और विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर लड़कियों की घटती संख्या पर चिंता जाहिर की थी।
एचएमआईएस के हवाले से बताया है कि कुछ जिलों में प्रति हजार लिंगानुपात में सुधार भी हुआ है, लेकिन अधिकतर जिलों में कमी चिंता का कारण है। एचएमआईएस के आंकड़ों के अनुसार मुजफ्फरपुर में प्रति हजार बेटियों की संख्या में 26 की कमी आई है। पटना जिले में प्रति हजार 27 बेटियों की कमी आई है। बता दें कि मुजफ्फरपुर में पिछले साल लिंगानुपात 906 था जो इस साल घटकर 880 रह गया है। वहीं, पटना में पिछले वर्ष 889 दर्ज किया गया था जो इस साल घटकर 862 हो गया है। गया में लिंगानुपात 917 से घटकर 870 यानी 47 संख्या में 47 की कमी आ गई है।
वहीं, अररिया जिले में लिंगानुपात 8, अरवल में 45, औरंगाबाद में एक, बेगूसराय में 8, भोजपुर में 10, बक्सर में 7, दरभंगा में 12, गोपालगंज में 11, जमुई में 39, जहानाबाद में 7, कटिहार में 20, खगड़िया में 10, लखीसराय में 12, मुंगेर में 28, नालंदा में 9, नवादा में 30, पूर्णिया में 10, सहरसा में 6, समस्तीपुर में 13, सारण में 16, शिवहर में 34, सीतामढ़ी में 23, सुपौल में 3, वैशाली में 20 और पश्चिम चंपारण के लिंगानुपात में 11 की गिरावट आई है।
प्रति हजार आबादी में बेटियों की इतनी संख्या घट गई है। सबसे अधिक गिरावट पूर्वी चंपारण में दर्ज की गई है। यहां प्रति हजार बेटियों की संख्या 908 से घटकर 870 हो गई है, यानी प्रति हजार 62 अंकों की कमी आई है। हालांकि, कुछ जिलों में बेटियों की संख्या में वृद्धि भी हुई है। इनमें भागलपुर में प्रति हजार 8 बेटियां बढ़ीं हैं। पिछले साल 917 के मुकाबले अब लिंगानुपात 925 हो गया है।
वहीं, किशनगंज में लिंगानुपात 926 से बढ़कर 929 हो गया है, जबकि मधुबनी में 815 से बढ़कर 819 हो गया है। इसी तरह रोहतास में भी सुधार हुआ है और यहां 863 से बढ़कर लिंगानुपात 870 हो गया है, जबकि, सीवान में 857 से 881 हो गया है। वहीं, कैमूर ही एकमात्र जिला है, जहां लिंगानुपात पिछले साल के बराबर ही बना हुआ है।
पिछले साल और इस साल में कैमूर का लिंगानुपात 913 ही है। लिंगानुपात में असमानता की खाई देख स्वास्थ्य विभाग में लिंगानुपात में कमी को लेकर तमाम उपाय करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कन्या भ्रूण की रक्षा करने के लिए निर्देशित किया गया है। एचएमआईएस के द्वारा आंकड़े जारी किए जाने के बाद राज्य सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है।