नई दिल्ली: जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से 2 अक्टूबर तक भारत को 'हिंदू राष्ट्र' घोषित करने की मांग की है। परमहंस आचार्य महाराज ने साथ ही कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है वह सरयू नदी में 'जल समाधि' लेंगे। यही नहीं उन्होंने केंद्र से मुसलमानों और ईसाइयों की राष्ट्रीयता को समाप्त करने की भी मांग कर डाली। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने, 'मैं मांग करता हूं कि भारत को 2 अक्टूबर तक 'हिंदू राष्ट्र' घोषित कर दिया जाए, नहीं तो मैं सरयू नदी में जल समाधि ले लूंगा।'
यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने भारत को 'हिंदू राष्ट्र' घोषित करने की मांग की है। इससे पहले उन्होंने अपनी मांग को पूरा करने के लिए 15 दिन का अनशन किया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अनशन तोड़ा था।
बहरहाल, परमहंस आचार्य महाराज के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है और सत्तारूढ़ भाजपा, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने भी 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
इससे पहले, मोहन भागवत ने बार-बार कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हिंदू राष्ट्र के पक्ष में है और सभी 130 अरब भारतीयों के पूर्वज हिंदू थे।
पुणे में ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि ‘समझदार’ मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हिंदू शब्द मातृभूमि, पूर्वज और भारतीय संस्कृति के बराबर है। यह अन्य विचारों का असम्मान नहीं है। हमें मुस्लिम वर्चस्व के बारे में नहीं, बल्कि भारतीय वर्चस्व के बारे में सोचना है।’
भागवत ने कहा था, ‘इस्लाम आक्रांताओं के साथ आया। यह इतिहास है और इसे उसी रूप में बताया जाना चाहिए। समझदार मुस्लिम नेताओं को अनावश्यक मुद्दों का विरोध करना चाहिए और कट्टरपंथियों एवं चरमपंथियों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा रहना चाहिए। जितनी जल्दी हम यह करेंगे, उससे समाज को उतना ही कम नुकसान होगा।’