रांची, 19 नवंबर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार द्वारा विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला बहुत देर से करने को अफसोसजनक एवं हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि यह किसानों की जीत है।
सोरेन ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह सिंह तोमर से तत्काल इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिवारों को सरकार पांच-पांच करोड़ रुपए मुआवजा दे और खेती न कर पाने वाले किसानों को दस-दस लाख रुपये की सहायता राशि दे।
शुक्रवार की शाम मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ‘‘पहले किसानों का गला दबाया जाये और फिर उन्हें गले लगाने का ढोंग किया जाये यह नहीं चलेगा।’’
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में मारे गए लोगों को 5 - 5 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए साथ ही मृतक किसानों के परिजनों को नौकरी और खेती नहीं कर पाने वाले किसानों को 10 - 10 लाख रूपए की सहायता राशि दी जाये।
कृषि कानून वापस लेने की केन्द्र की घोषणा के बाद सोरेन ने ट्वीट करेके इसे किसानों की जीत बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा इस फैसले पर राजनीति न करे क्योंकि जनता उन्हें जान/पहचान गई है।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में माफी मांगते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि कुछ किसान अभी भी हमारे ईमानदार प्रयासों से आश्वस्त नहीं हैं। हमने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है। इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद के आगामी सत्र के दौरान पूरी हो जाएगी।
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