जींद में पुलिस के गाड़ी रोक लेने से ऑक्सीजन के अभाव में मरीज की मौत, एसपी ने जांच बैठाई
By भाषा | Updated: April 27, 2021 20:41 IST2021-04-27T20:41:02+5:302021-04-27T20:41:02+5:30

जींद में पुलिस के गाड़ी रोक लेने से ऑक्सीजन के अभाव में मरीज की मौत, एसपी ने जांच बैठाई
जींद, 27 अप्रैल कोरोना वायरस संक्रमित के लिए दो आक्सीजन सिलेंडर लेकर गाजियाबाद जा रही गाड़ी को कथित तौर पर पुलिस द्वारा रोके जाने से 'प्राणवायु' के अभाव में मरीज की सोमवार रात मौत हो गई। परिजनों ने मंगलवार को जींद के डीआईजी/एसएसपी ओमप्रकाश नरवाल से इस मामले में शिकायत की जिसके बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं।
ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक पंजाब के संगरूर जिले के धुरी निवासी राजेंद्र सिंह ने बताया कि उनके मुनीम के ससुर ललित मोहन (60) का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद से गाजियाबाद में घर पर पृथक-वास में उपचार चल रहा था। सिंह ने बताया कि ललित मोहन को सांस में तकलीफ बढ़ने पर ऑक्सीजन दी जा रही थी। उन्होंने कहा कि मुनीम ने मुझे फोन कर बताया कि उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की सख्त जरूरत है, क्योंकि मौजूदा सिलेंडर में सोमवार रात तीन बजे तक की ऑक्सीजन शेष है।
सिंह ने कहा "मैने धूरी से दो सिलेंडर लेकर गाड़ी से गाजियाबाद के लिए भेजे लेकिन गतौली चौकी पर वाहन रोक लिया गया और रात भर चालक को चौकी में रखा गया। रात को चार बजे ऑक्सीजन ना मिलने से ललित मोहन (60) की मौत हो गई।'
परिजनों का आरोप है कि पुलिस द्वारा गाड़ी रोके जाने पर चालक गुरप्रीत ने मरीज ललित मोहन की गंभीर स्थिति को लेकर वीडियो भी चौकी प्रभारी को दिखाई,लेकिन वह नहीं पसीजे।
उधर, मरीज की मौत के बाद उनके रिश्तेदार मंगलवार को जींद में डीआईजी/एसएसपी ओमप्रकाश नरवाल से मिले और गतौली चौकी प्रभारी के अमानवीय रवैये की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि मरीज की मौत के जिम्मेदार ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी और चौकी इंचार्ज है।
नरवाल ने कहा ''मामला मेरे संज्ञान में आया है और इसकी जांच डीएसपी हेडक्वार्टर पुष्पा खत्री को सौंप दी गई है। अगर कोई दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।''
वहीं, गतौली चौकी प्रभारी विरेंद्र ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा ''रात को पंजाब नंबर की गाड़ी को रुकवाया गया, जिसमें दो ऑक्सीजन सिलेंडर मिले। चालक मौके पर आवश्यक कागजात नहीं दिखा पाया। बाद में आवश्यक कागजात दिखाने पर रात में ही उसे छोड़ दिया गया था।
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