नयी दिल्ली, 12 नवंबर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने अभी तक कोविड-19 के लिए एक लाख जीनोम और डीएनए अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) किये हैं और उद्योग जगत को अनुसंधान एवं विकास तथा उत्पाद विकास के लिए 57,000 नमूनों के पांच कोविड-19 जैव संग्राहक या भंडार उपलब्ध कराये।
उन्होंने यह घोषणा भी की कि राजीव गांधी जैवप्रौद्योगिकी केंद्र (आरजीसीबी) के दूसरे परिसर में टीका परीक्षण और अनुसंधान केंद्र बनाया जाएगा। सिंह ने कहा कि इस केंद्र में एक बीएसएल3 केंद्र भी होगा, जो कोरोना वायरस जैसे विषाणुओं से निपटने में सक्षम है।
सिंह ने यह भी कहा कि आरजीसीबी को कोविड-19 समेत संक्रामक बीमारियों के लिए टीकों, कैंसर के टीकों समेत अनेक टीकों के परीक्षण और अनुसंधान के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
मंत्री ने कहा, ‘‘इससे टीका अनुसंधान और विकास के विशिष्ट क्षेत्र में आरजीसीबी को बड़ी मान्यता मिलेगी।’’
सिंह कोविड-19 अनुसंधान, टीकों के विकास और अन्य प्रोटोकॉल आदि पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। यह जानकारी देते हुए एक बयान में बताया गया कि जीव विज्ञान संस्थान (आईएलएस), भुवनेश्वर ने बैठक में सूचित किया कि वह देश के उन तीन संस्थानों में शामिल है, जिसने डेल्टा और डेल्टा प्लस समेत वायरस के 22 प्रारूपों का ब्योरा तैयार किया है।
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