देश में बेटियों का वर्चस्व बढ़ रहा है: कोविंद

By भाषा | Updated: April 28, 2018 21:03 IST2018-04-28T21:03:15+5:302018-04-28T21:03:15+5:30

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि देश में बेटियों का वर्चस्व बढ़ रहा है और यह एक अच्छा सामाजिक बदलाव है।

Daughter's dominance in the country is rising: Kovind | देश में बेटियों का वर्चस्व बढ़ रहा है: कोविंद

देश में बेटियों का वर्चस्व बढ़ रहा है: कोविंद

सागर (मध्यप्रदेश), 28 अप्रैल: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि देश में बेटियों का वर्चस्व बढ़ रहा है और यह एक अच्छा सामाजिक बदलाव है।

यहां एक विश्वविद्यालय में मेधावी एवं पदक विजेता विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक होने से गदगद हुए राष्ट्रपति ने कहा,‘‘देश में बेटियों का वर्चस्व बढ़ रहा है। यह एक अच्छा सामाजिक बदलाव है।’’ सागर स्थित डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के 27वें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उपाधियां और पदक वितरण के उपरांत एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा, ‘‘यह बदलाव देशभर में एक चलन बनता जा रहा है। इससे देश का भविष्य सुखद और उज्ज्वल बनेगा।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि इस बदलाव के कारण देश में लोग व्यंग्य में ऐसी भी बातें करने लगे हैं कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को दिया जाने वाला आरक्षण आने वाले समय में बेमानी साबित होने लगेगा और लड़कियों की जगह कहीं लड़के ही आरक्षण की मांग न करने लगें।

उन्होंने कहा कि शिक्षित समाज की हमारी बेटियां देश के गौरव को आगे बढ़ा रही हैं।

इस समारोह में मेधावी विद्यार्थियों में कुल 53 पदक विजेताओं में से छात्राओं की संख्‍या 32 रही तथा जिन 11 विद्यार्थियों को मंच से डिग्रियां बांटीं गई उनमें भी लड़कियों की संख्या 10 थी। इस बात से खुश राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘‘सर्वोच्च स्तर का प्रदर्शन करने में बेटियों के बढ़ते वर्चस्व को मैं अच्छे सामाजिक बदलाव के रूप में देखता हूं। यह बदलाव ही देश को विकसित बना पाएगा।’’ कोविंद ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान अर्जित करने और नौकरी पाने का माध्यम नहीं है, बल्कि व्यक्ति को आत्म-निर्भर भी बनाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि विद्यार्थी नौकरी ढूंढ़ने वाले बनने की जगह नौकरी देने वाले बन सकें।’’ बाद में यहां सद्गुरु संत कबीर महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए कोविंद ने कहा कि संत कबीर के व्यापक प्रभाव और लोकप्रियता के कई कारण हैं। स्वयं को बड़ा समझने की आधारहीन चिंतन प्रणाली की निरर्थकता को उन्होंने बहुत ही प्रभावी ढंग से उजागर किया। कुरीतियों और व्यर्थ के आपसी भेदभाव पर उन्होंने कठोर प्रहार किए।

Web Title: Daughter's dominance in the country is rising: Kovind

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे