दरभंगा पार्सल ब्लास्ट: सिकंदराबाद एक्सप्रेस को उड़ाने की थी योजना, लश्कर से जुड़े दो सगे भाइयों ने रची साजिश

By एस पी सिन्हा | Updated: July 1, 2021 20:39 IST2021-07-01T20:34:15+5:302021-07-01T20:39:19+5:30

दरभंगा जंक्शन पर 17 जून को पार्सल विस्फोट के मामले में आईएसआई कनेक्शन सामने आने के बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआईए को जांच सौंपी गई थी।

Darbhanga parcel blast plan Secunderabad Express two brothers associated Lashkar hatched conspiracy | दरभंगा पार्सल ब्लास्ट: सिकंदराबाद एक्सप्रेस को उड़ाने की थी योजना, लश्कर से जुड़े दो सगे भाइयों ने रची साजिश

फोरेंसिक एक्सपर्ट के आने तक इन सभी चीजों को सतर्कता से सुरक्षित रखा जाता तो जांच में सहूलियत होती। (file photo)

Highlightsजान माल के ज्यादा से ज्यादा नुकसान की साजिश रची थी।सूत्रों की मानें तो केमिकल के अंश को जांच के लिए लैब में भेजा जायेगा।एफएसएल की तरफ से जुटाए गए सबूत और उस 100 मिली की शीशे की बोतल से मिलान किया जाएगा.

पटनाः बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए पार्सल में बम विस्फोट के मामले में एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है।

एनआईए ने इमरान मलिक और नासिर के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। एनआईए की छापेमारी में विस्फोट में उपयोग किया गया केमिकल का अंश बरामद हुआ है। इसके अलावा कई अन्य अहम सुराग और सबूत भी मिले हैं। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में बैठे लश्कर के आतंकियों के निर्देश पर भारत के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी हमले के जरिये जान माल के ज्यादा से ज्यादा नुकसान की साजिश रची थी।

पूछताछ में एनआईए को यह जानकारी मिली

सूत्रों की मानें तो दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले में हैदराबाद में दबोचे गए दो सगे भाइयों से पूछताछ में एनआईए को यह जानकारी मिली है। सूत्रों का मानना है कि विस्फोट के बाद रेल पुलिस के द्वारा तत्काल गंभीरता नहीं दिखाई गई। राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) एक्शन में तो आई, लेकिन घटना को हल्के में लिया, उस समय बरती गई सुस्ती अब वैज्ञानिक जांच में परेशानी बढ़ा रही है।

हैदराबाद में हुई छापेमारी के दौरान कुछ ऐसे भी संदिग्ध सामान मिले हैं, जिसका कनेक्शन दरंभाग विस्फोट से है। हालांकि अभी एनआईए की ओर से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। सूत्रों की मानें तो केमिकल के अंश को जांच के लिए लैब में भेजा जायेगा।

लोकल केमिकल का इस्तेमाल कर खरतनाक बम बनाया

दरभंगा स्टेशन पर विस्फोट के बाद एफएसएल की तरफ से जुटाए गए सबूत और उस 100 मिली की शीशे की बोतल से मिलान किया जाएगा, जिसमें केमिकल ब्लास्ट हुआ था। घटना के तत्काल बाद स्टेशन की घेराबंदी कर संदिग्धों की खोज नहीं हुई, वहां बिखरे साक्ष्यों को बिना ग्लव्स पहने ही उठाया गया। फोरेंसिक एक्सपर्ट के आने तक इन सभी चीजों को सतर्कता से सुरक्षित रखा जाता तो जांच में सहूलियत होती।

इसबीच, आरोपियों को एनआईए पटना लेकर आई और दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर ले लिया है। सूत्रों के अनुसार आरोपियों की योजना सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस को बीच में ही उडाने की थी. इसके लिए उन्होंने लोकल केमिकल का इस्तेमाल कर खरतनाक बम बनाया था। हालांकि उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली।

पूछताछ में यह भी पता चला है कि ब्लास्ट के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से करोडों की फंडिंग की गई थी। लश्कर के इशारे पर ब्लास्ट को अंजाम दिया गया था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। बता दें कि दरभंगा जंक्शन पर 17 जून को पार्सल विस्फोट के मामले में आईएसआई कनेक्शन सामने आने के बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआईए को जांच सौंपी गई थी।

Web Title: Darbhanga parcel blast plan Secunderabad Express two brothers associated Lashkar hatched conspiracy

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