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दरभंगा एयरपोर्टः कमला नदी में हर रोज अर्पित किया जाता है घी और अचार सहित कई सामान, आखिर जानिए क्या है कारण

By एस पी सिन्हा | Updated: November 16, 2021 20:09 IST

Darbhanga Airport: दरभंगा एयरपोर्ट पर पिछले एक साल में फ्लाइट की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जहां पहले छह फ्लाइट थे, वहीं अब हर दिन 18 फ्लाइट यहां से उड़ान भर रही है.

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ठळक मुद्देदरभंगा एयरपोर्ट से यात्रा करने वालों के लिए निर्धारित वजन से ज्यादा सामान भी एक समस्या है.यात्रियों के सामान से निकाली जाने वाली चीजें बर्बाद-बेकार हो जा रही हैं. यात्रियों के निकाले गए सामान को कुछ समय रखने के बाद उसे एयरपोर्ट के पास में स्थित कमला नदी में फेंक दिया जाता है.

पटनाः बिहार में करीब एक साल पहले शुरू हुआ दरभंगा एयरपोर्ट हर माह एक नए रिकार्ड स्थापित कर रहा है. यहां लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन इस एयरपोर्ट को लेकर कुछ अजीब सी बातें भी सामने आई हैं.

दरअसल, एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा हर दिन बड़ी मात्रा में घी, अचार सहित दूसरे खाने के सामान बगल से गुजरनेवाली कमला नदी में प्रवाहित की जाती है. यह कोई अनुष्ठान अथवा अंधविश्वास के कारण नहीं किया जाता. मामला यह है कि दरभंगा एयरपोर्ट से यात्रा करने वालों के लिए निर्धारित वजन से ज्यादा सामान भी एक समस्या है और यहां पर भंडारण की भी व्यवस्था नहीं है.

ऐसे में यात्रियों के सामान से निकाली जाने वाली चीजें बर्बाद-बेकार हो जा रही हैं. ऐसे में उन्हें फेंकना पड़ता है. बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट पर पिछले एक साल में फ्लाइट की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जहां पहले छह फ्लाइट थे, वहीं अब हर दिन 18 फ्लाइट यहां से उड़ान भर रही है.

ऐसे में यात्रियों के निकाले गए सामान को कुछ समय रखने के बाद उसे एयरपोर्ट के पास में स्थित कमला नदी में फेंक दिया जाता है. पिछले करीब एक साल में औसतन प्रतिदिन दो से तीन सौ किलोग्राम घी व आधा किलोग्राम के करीब अचार सुरक्षाकर्मी जब्त करते हैं. इस मामले में एयरपोर्ट निदेशक मनीष कुमार का कहना है कि यात्रियों को यह पता नहीं होता कि तरल पदार्थ को वे हैंड बैग में कैरी नहीं कर सकते.

ऐसे पदार्थों को ठीक से पैकिंग करने के बाद ही लगेज बैग में कैरी किया जा सकता है, ताकि रिसाव न हो. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु सहित देश के अन्य महानगरों के लिए यात्रा करने वाले अधिकतर यात्री कई सामान चेक इन बैगेज में रखने के बजाय केबिन लगेज में कैरी करते हैं. इनमें कई ऐसे तरल पदार्थ होते हैं, जिसे हवाई यात्रा के दौरान नही ले जाया जा सकता.

करीब सौ एमएल ही यात्री इसे हैंड बैग के साथ कैरी कर सकते हैं. सुरक्षा जांच के दौरान सुरक्षाकर्मी ऐसे सामान को निकाल देते हैं. इनमें देसी घी, तेल व अचार जैसी वस्तुएं होती हैं. ऐसे सामानों को रखने के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसलिए इसे एयरपोर्ट परिसर स्थित एक कक्ष में रखा जाता है. लेकिन कुछ समय बाद ऐसे सामान को फेंकने की विवशता होती है. बाद में इसे एयरपोर्ट की चहारदीवारी के बगल से गुजरने वाली कमला नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है.

टॅग्स :बिहारAirports Authority of Indiaपटना
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