दाभोलकर, पानसरे के मामलों में सुनवाई शुरू करने के लिए तैयार हैं: सीबीआई,एसआईटी
By भाषा | Updated: March 30, 2021 20:18 IST2021-03-30T20:18:33+5:302021-03-30T20:18:33+5:30

दाभोलकर, पानसरे के मामलों में सुनवाई शुरू करने के लिए तैयार हैं: सीबीआई,एसआईटी
मुंबई, 30 मार्च केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और महाराष्ट्र सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वे तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्याओं के सिलसिले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे शुरू करने के लिए तैयार हैं।
सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह और एसआईटी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अशोक मुंदर्गी ने कहा कि कि दोनों एजेंसियों ने 2016 में दोनों हत्याओं के मामले में मुकदमा चलाने पर अंतरिम रोक का आग्रह किया था।
उस वक्त एजेंसियों ने आरोप तय करने पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि दाभोलकर हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई दोनों हत्याओं में मौका-ए-वारदात पर मिली गोलियों की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी।
विशेष अदालत ने तब मुकदमा चलाने पर रोक की अनुमति दे दी थी और इस रोक को वक्त-वक्त पर बढ़ाया जाता रहा।
सिंह और मुंदर्गी ने कहा कि इसके बाद रोक को वापस ले लिया गया और आज सुबह उन्होंने अपने उस आवेदन को वापस ले लिया जिसके जरिए मामले की सुनवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था।
सिंह ने कहा, “ हम दोनों मामलों में आरोपों को तय करने और मुकदमा शुरू करने के लिए तैयार हैं।”
विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से मुंदर्गी ने भी इसी तरह का बयान दिया।
पीठ ने 12 मार्च को दोनों एजेंसियों को इस पर स्पष्ट बयान देने को कहा था कि वे दोनों मामलों में कब तक अपनी तहकीकात पूरी कर सकती है।
उस समय उच्च न्यायालय ने यह भी पूछा था कि कर्नाटक में तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की हत्या के मुकदमे की सुनवाई कैसे शुरू हो गई जबकि पानसरे और दाभोलकर मामलों की जांच अबतक पूरी नहीं हुई है। अदालत ने कहा था कि कर्नाटक में घटना महाराष्ट्र में हुए हत्याकांड के काफी बाद हुई थी।
एएसजी सिंह ने मंगलवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ को बताया कि कर्नाटक में अदालत केवल कुछ संबंधित विविध आवेदनों की सुनवाई कर रही है और (कलबुर्गी) मामले में आरोप पत्र अभी दायर नहीं हुआ है।
दाभोलकर की सुबह की सैर के दौरान पुणे में 20 अगस्त 2013 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मारी गई थी और 20 फरवरी को उन्होंने दम तोड़ दिया था।
कलबुर्गी की 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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