नयी दिल्ली, 15 मई आसन्न चक्रवात ‘तौकते’ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने अपनी टीमों की संख्या 53 से बढ़ाकर 100 कर दी है।
एनडीआरएफ की प्रत्येक टीम में कुल 47 कर्मी हैं और इस तरह 100 टीमों में 4,700 राहत एवं बचावकर्मी शामिल हैं।
बल के महानिदेशक एस एन प्रधान ने एक ट्वीट में कहा कि इन टीमों को केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में तैनाती के लिए तैयार किया गया है।
उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि अरब सागर में बन रहे चक्रवाती तूफान के मद्देनजर 53 टीम पूरी तरह तैयार हैं।
प्रधान ने शनिवार को कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग से चक्रवात के बारे में मिली नयी जानकारी के बाद एनडीआरएफ की टीमों की संख्या बढ़ाई गई है।
उन्होंने कहा कि 100 टीमों में से 48 पहले से ही छह राज्यों में तैनात हैं, जबकि 26 टीम प्रतीक्षा में तैयार रखी गई हैं।
प्रधान ने कहा कि 32 टीम मदद के लिए रिजर्व रखी गई हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर देश में बल के विभिन्न प्रतिष्ठानों से हवाई मार्ग से संबंधित क्षेत्रों में पहुंचाया जा सकता है।
एनडीआरएफ प्रमुख ने यह भी कहा कि इन टीमों के सदस्यों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण किया गया है और ये जरूरी उपकरणों से लैस हैं।
इन टीमों के पास सैटेलाइट फोन, अन्य संचार उपकरण, पेड़ तथा खंभों को काटने वाले औजार, नौकाएं, बुनियादी चिकित्सा सामग्री तथा अन्य राहत एवं बचाव उपकरण हैं।
बल के प्रवक्ता ने पहले से ही तैनात 48 टीमों में से 30 की तैनाती के स्थलों की जानकारी दी।
गुजरात में इन टीमों को गिर सोमनाथ, अमरेली, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, राजकोट, कच्छ, मोरबी, सूरत, गांधीनगर, वलसाड, भावनगर, नवसारी, भरूच और जूनागढ़ जिलों में तैनात की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि केरल में नौ, तमिलनाडु में पांच, महाराष्ट्र में चार, कर्नाटक में तीन और गोवा में एक टीम तैनात की जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और दिल्ली मुख्यालय में स्थित नियंत्रण कक्ष से 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
उन्होंने शाम छह बजे जारी अपडेट में कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) से मिली अद्यतन जानकारी के अनुसार पूर्वी-मध्य और आसपास दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र उत्तरी-उत्तर-पश्चिमी दिशा की तरफ बढ़ गया है और अगले तीन घंटे में इसके ‘भीषण चक्रवाती तूफान’ ‘तौकते’ में तब्दील होने तथा अगले 12 घंटे में इसके ‘अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान’ में बदलने की काफी संभावना है।
उन्होंने कहा कि 18 मई को अपराह्न/शाम के समय इसके पोरबंदर तथा नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्यों के अधिकारियों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि तूफान से कोई जनहानि न हो तथा जनजीवन और संपत्ति को कोई ज्यादा नुकसान न पहुंचे।
तूफान को ‘तौकते’ नाम म्यांमा ने दिया है जिसका मतलब ‘छिपकली’ होता है। इस साल भारतीय तट पर यह पहला चक्रवाती तूफान होगा।
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