राष्ट्रीय ध्वज का चित्रण करने वाला केक काटना अपराध नहीं: अदालत

By भाषा | Updated: March 22, 2021 18:18 IST2021-03-22T18:18:21+5:302021-03-22T18:18:21+5:30

Cutting a cake depicting the national flag is not a crime: court | राष्ट्रीय ध्वज का चित्रण करने वाला केक काटना अपराध नहीं: अदालत

राष्ट्रीय ध्वज का चित्रण करने वाला केक काटना अपराध नहीं: अदालत

चेन्नई, 22 मार्च मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को व्यवस्था दी कि राष्ट्रीय ध्वज का चित्रण करने वाला एक बड़ा केक काटना और उसे खाने को संबंधित अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध नहीं माना जा सकता।

न्यायमूर्ति एन आनंद और न्यायमूर्ति वेंकटेश ने यह व्यवस्था कोयंबटूबर में एक पुलिसकर्मी से एक आपराधिक मूल याचिका स्वीकार करते हुए दी और कहा कि ऐसे कृत्य को राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।

25 दिसंबर, 2013 को कोयंबटूर में क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में छह फुट लंबा और पांच फुट चौड़ा एक केक कथित तौर पर काटा गया था जिस पर लगी आइसिंग से भारतीय मानचित्र और तिरंगा झंडा बनाया गया था जिसके बीच में अशोक चक्र बना था।

इसे विशेष मेहमानों और 1000 बच्चों सहित लगभग 2,500 प्रतिभागियों के बीच वितरित किया गया था, उसे खाया गया था। तब कोयम्बटूर जिला कलेक्टर और एक डीसीपी भी उस समारोह में शामिल हुए थे।

इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताते हुए हिंदू पब्लिक पार्टी के डी सेंतिल कुमार ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी।

जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने स्थानीय मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया जिसने 17 फरवरी, 2017 को अधिनियम की धारा 2 के तहत अपराध के लिए संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और एक अंतिम रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया।

इसके खिलाफ स्थानीय इंस्पेक्टर ने वर्तमान याचिका के साथ उच्च न्यायालय का रुख किया।

इसे स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि देशभक्ति एक भौतिक कार्य द्वारा निर्धारित नहीं होती। कृत्य के पीछे की मंशा सही परीक्षा होगी और संभव है कि कभी-कभी कृत्य ही उसके पीछे की मंशा को प्रकट करता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले में यदि शिकायत में बताए गए सभी तथ्यों को वैसे ही लिया जाए जैसा वह है, यह देखा जाना चाहिए कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद प्रतिभागियों ने क्या महसूस किया होगा। क्या वे इस महान राष्ट्र से संबंधित होने पर गर्व महसूस कर रहे थे, या जश्न के दौरान केक काटने मात्र से भारत का गौरव कम हो गया।

न्यायाधीश ने कहा कि बिना किसी हिचकिचाहट के यह अदालत कह सकती है कि प्रतिभागियों ने केवल पहले वाला महसूस किया होगा, बाद वाला नहीं।

उचित समझ के लिए न्यायाधीश ने स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस समारोह में व्यापक भागीदारी वाले एक काल्पनिक मामले का हवाला दिया। उन्होंने कहा ऐसे समारोहों के दौरान, प्रतिभागियों को राष्ट्रीय ध्वज प्रदान किया जाता है। वास्तव में, प्रतिभागी आयोजन स्थल से जाने के बाद, वे हमेशा ध्वज साथ नहीं रखते और यह किसी अन्य बेकार कागज का हिस्सा बन जाता है।

अदालत ने कहा कि क्या इसका मतलब यह है कि प्रत्येक प्रतिभागी ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया और उसके खिलाफ अधिनियम की धारा 2 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए? स्पष्ट तौर पर उत्तर ना है।

न्यायाधीश ने मजिस्ट्रेट के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि शिकायत में कोई अपराध साबित नहीं होता।

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Web Title: Cutting a cake depicting the national flag is not a crime: court

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