फर्जी खबरों पर अंकुश: नागरिकता कानून का ब्योरा प्रकाशित करने की याचिका पर न्यायालय करेगा विचार

By भाषा | Updated: December 18, 2019 04:10 IST2019-12-18T04:10:35+5:302019-12-18T04:10:35+5:30

भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने शुरू में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की घटनाओं की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी से जांच कराने के लिये याचिका दायर की थी।

Curb on fake news: Court will consider plea to publish details of citizenship law | फर्जी खबरों पर अंकुश: नागरिकता कानून का ब्योरा प्रकाशित करने की याचिका पर न्यायालय करेगा विचार

फर्जी खबरों पर अंकुश: नागरिकता कानून का ब्योरा प्रकाशित करने की याचिका पर न्यायालय करेगा विचार

उच्चतम न्यायालय नागरिकता संशोधन कानून के बारे में फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिये इस कानून के उद्देश्यों को प्रकाशित करने का केन्द्र और पश्चिम बंगाल सहित तीन राज्यों को निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर बुधवार को विचार करेगा।

भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने शुरू में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की घटनाओं की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी से जांच कराने के लिये याचिका दायर की थी।

लेकिन बाद में उन्होंने जनहित याचिका में संशोधन कर केन्द्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकारों को नागरिकता संशोधन कानून के तथ्यात्मक पहलुओं को प्रकाशित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

उपाध्याय ने पहले अपनी याचिका में किये गये अनुरोध को हटाते हुये संशोधित याचिका में कहा कि सरकारों को संशोधित नागरिकता कानून, 2019 के उद्देश्यों और इसके लाभ के बारे में समाचार पत्रों और समाचार चैनलों के माध्यम से प्रकाशित और प्रसारित करने का निर्देश दिया जाये ताकि शरारती तत्वों द्वारा पैदा किये जा रहे संदेहों को दूर किया जा सके।

याचिका में इस कानून के बारे में चल रहे दुष्प्रचार और फर्जी खबरों को निकाल बाहर करने के लिये उचित कदम उठाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मंगलवार को इस याचिका को सुनवाई के लिये शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया।

पीठ ने कहा, ‘‘हम हिंसा को देख लेंगे।’’ पीठ ने उपाध्याय से कहा कि वह पूरे देश में जो कुछ भी घटित हो रहा है उसका अधिकार क्षेत्र अपने हाथ में नहीं ले सकती क्योंकि हर घटना के तथ्य और स्थिति भिन्न हो सकती है। पीठ ने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह रहे कि आपने जो मुद्दा उठाया है वह महत्वपूर्ण नहीं है। आप कल किस्मत आजमा सकते हैं। भाषा अनूप अनूप दिलीप दिलीप

Web Title: Curb on fake news: Court will consider plea to publish details of citizenship law

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