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By भाषा | Updated: August 3, 2021 18:00 IST

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अहम परामर्श

(' भाषा' के जिन ग्राहकों ने 16 जुलाई को ''सीबीआई बैंक'' स्लग से जारी दि119 खबर का इस्तेमाल किया हो, उनसे इस संशोधित खबर का उपयोग करने का आग्रह है जिसमें पहले पैरा और पांचवे पैरा में सुधार किया गया है। इस खबर में यह स्पष्ट किया गया है कि बिंदू डोगरा, ऋतुश्री शर्मा और अरूण कुमार स्वतंत्र निदेशक थे न कि प्रवर्तक/निदेशक जैसा सीबीआई द्वारा उल्लेखित किया गया था। इसमें उन तीनों के बयान शामिल हैं।”)

सीबीआई बैंक (संशोधित)

नयी दिल्ली, तीन अगस्त केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ के साथ 1,028.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में फेडरेस इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड और उसके तत्कालीन निदेशकों और पूर्व निदेशकों के खिलाफ में प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने 16 जुलाई को दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और बुलंदशहर में सात स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था।

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि निजी कंपनी और उसके निदेशकों सहित आरोपियों ने पैसों को बाहर भेजकर और संबंधित पक्षों के साथ फर्जी लेनदेन के माध्यम से बैंकों को धोखा दिया है।

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने फर्जी खाता बही तैयार की, पैसा उधार लेने के लिए आंकड़ों को गलत तरीके से पेश किया और विभिन्न ऋणों को गबन किया।

प्रवक्ता ने बताया कि आरोप फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट पर आधारित हैं। सीबीआई ने कंपनी के साथ ही इसके तत्कालीन पूर्णकालिक निदेशक एवं निलंबित मुख्य वित्तीय अधिकारी अख्तर अजीज सिद्दीकी, पूर्णकालिक निदेशक व सीआईआरपी में निलंबित निदेशक शाम सुंदर धवन, पूर्व निदेशकों बिंदु डोगरा, ऋतुश्री शर्मा, अरुण कुमार जोशी और रणधीर जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक कदाचार और जालसाजी के आरोप लगाए गए हैं।

बाद में तीन आरोपियों पूर्व निदेशक डोगरा, शर्मा और जोशी ने कहा कि वे फेडरेस इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ "केवल 'गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक' की क्षमता से (संलग्न फॉर्म 32; 2013-2017)” जुड़े थे और वे "कंपनी के रोजमर्रा के कामकाज और प्रबंधन में शामिल नहीं थे।"

उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ली गई तलाशी में उनके खिलाफ कोई अपराध संकेती सबूत नहीं मिला और इसे पर्याप्त रूप से प्रलेखित किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि उन्हें संबंधित चरण में आरोप मुक्त किया जाएगा।

16 जुलाई को जारी बयान में सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा था, “ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने नई दिल्ली के भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत पर निजी कंपनी और उसके निदेशकों/प्रवर्तकों सहित अन्य के खिलाफ एसबीआई और संघ के अन्य सदस्य बैंकों को (लगभग) 1028.94 करोड़ का कथित नुकसान पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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