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इंदौरः आत्मदाह कर जान देने वाले माकपा कार्यकर्ता के बेटे ने कहा- मेरे पिता CAA के विरोध में जान देने जैसा कमद नहीं उठा सकते थे

By भाषा | Updated: January 29, 2020 15:32 IST

दिवंगत माकपा कार्यकर्ता के बेटे दीपक प्रजापत (30) ने कहा, "सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों को लेकर मेरे पिता का अपना रुख रहा होगा। लेकिन हमें बिल्कुल भी यकीन नहीं होता कि मेरे पिता इन मुद्दों के विरोध में आत्मदाह जैसा नकारात्मक कदम उठा सकते थे।"

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ठळक मुद्देइंदौर शहर के एक आम चौराहे पर कथित रूप से आत्मदाह कर जान देने वाले माकपा के 72 वर्षीय कार्यकर्ता के इस कदम की वजह का रहस्य चार दिन बाद भी कायम है।पुलिस को घटनास्थल पर पड़ी माकपा कार्यकर्ता थैली से सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में पर्चे मिले थे।

इंदौर शहर के एक आम चौराहे पर कथित रूप से आत्मदाह कर जान देने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के 72 वर्षीय कार्यकर्ता के इस कदम की वजह का रहस्य चार दिन बाद भी कायम है। पुलिस को घटनास्थल पर पड़ी माकपा कार्यकर्ता रमेशचंद्र प्रजापत (72) की थैली से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रर (एनपीआर) के विरोध में पर्चे मिले थे। इसके बाद बुजुर्ग की मौत की वजह को लेकर कयासों का दौर जारी है, जबकि पुलिस इसका अब तक खुलासा नहीं कर सकी है। इस बीच, दिवंगत माकपा कार्यकर्ता के बेटे दीपक प्रजापत (30) ने कहा, "सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों को लेकर मेरे पिता का अपना रुख रहा होगा। लेकिन हमें बिल्कुल भी यकीन नहीं होता कि मेरे पिता इन मुद्दों के विरोध में आत्मदाह जैसा नकारात्मक कदम उठा सकते थे। मेरे पिता किसी भी मुद्दे पर हमेशा रचनात्मक तरीके से विरोध करते थे।" 

प्रजापत पेशे से दर्जी थे। उन्हें करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि वह सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों और अपने जातीय समुदाय के कार्यक्रमों में सक्रिय रहते थे। वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में शहर में जारी प्रदर्शनों में भी लगातार शामिल हो रहे थे। प्रजापत के बेटे दीपक, डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्र की एक फर्म में काम करते हैं। उन्होंने मांग की कि पुलिस को बारीकी से जांच कर पता लगाना चाहिये कि उनके पिता ने कथित आत्मदाह का कदम किन हालात में उठाया और "कहीं इसके लिये उन पर किसी व्यक्ति का कोई उकसावा या दबाव तो नहीं था।" 

पुलिस ने बताया कि प्रजापत ने शुक्रवार रात गीता भवन चौराहे पर कथित रूप से खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा ली थी। बुरी तरह झुलसे माकपा कार्यकर्ता को शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी रविवार शाम मौत हो गयी थी। 

मामले की जांच कर रहे तुकोगंज पुलिस थाने के उप निरीक्षक दशरथ सिंह चौहान ने कहा, "प्रजापत के आत्मदाह की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। इस बारे में उनके परिवारवाले फिलहाल कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं। हमें उनके शव के पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट भी नहीं मिली है।" 

इस बीच, सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ यहां बड़वाली चौकी क्षेत्र में एक पखवाड़े से प्रदर्शन कर रहे लोग प्रजापत को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें दिवंगत माकपा कार्यकर्ता के फोटो के आगे सैकड़ों प्रदर्शनकारी स्त्री-पुरुष हाथों में मोमबत्ती थामे खड़े हैं। इस फोटो पर छपा दिखायी देता है-"शहीद रमेश प्रजापत अमर रहें।" 

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