हवा से फैल रहा है कोरोना! फिर किस मास्क का करें इस्तेमाल और क्या है सही तरीका, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
By विनीत कुमार | Updated: April 18, 2021 15:40 IST2021-04-18T15:32:43+5:302021-04-18T15:40:50+5:30
कोरोना वायरस के हवा से फैलने के खतरे के बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि एन95 या केएन95 मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कोरोना से बचने के लिए कैसे मास्क का करें इस्तेमाल? (फाइल फोटो)
हवा से कोरोना संक्रमण फैसले की खबरों के बीच मास्क के इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञों ने अहम बात कही है। डॉक्टर फहीम यूनुस ने ट्विटर पर कहा है कि लोगों को एन95 या केएन95 जैसे मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने ये बात हाल में 'द लैंसेट' जर्नल में छपी उस स्टडी को लेकर कही है जिसमें बताया गया है कि कोरोना हवा के जरिए भी फैल रहा है।
डॉक्टर फहीम के अनुसार ऐसे हालात में खुद को सुरक्षित रखने के लिए किसी को भी दो एन95 या केएन95 मास्क खरीदना चाहिए। इन मास्क का इस्तेमाल हर दिन बदल-बदल कर करना चाहिए। डॉ. फहीम के अनुसार हर दिन मास्क की अदला-बदली करते रहें।
उन्होंने बताया कि अगर मास्क खराब नहीं हो रहे हैं तो इन्हें हर दिन बदल-बदल कर करीब एक हफ्ते तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में संक्रामक रोग विभाग के चीफ डॉ. फहीम के अनुसार हवा से कोरोना के फैलने का ये मतलब नहीं है कि हवा दूषित हो गई है।
LANCET STUDY: No worries. We know COVID spreads (droplet to airborne) in a spectrum
— Faheem Younus, MD (@FaheemYounus) April 17, 2021
Solution: Buy two N95 or KN95 masks. Use one today; leave the other in a PAPER bag for tomorrow. Keep alternating every 24 hours. Reuse for weeks if they aren’t damaged
Ditch cloth masks
डॉक्टर फहीम ने कहा कि हवा से वायरस के फैलने का मतलब ये हुआ कि कोरोना वायरस कुछ देर हवा में रह सकता है और दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकता है। ये सबसे ज्यादा खतरनाक बंद कमरे में साबित होगा।
उन्होंने कहा कि अभी भी पार्क या समुद्र का किनारा ऐसे सुरक्षित जगहों में से हैं जहां कोई शख्स बिना मास्क के रह सकता है। उन्होंने कहा कि अमूमन ऐसी जगहों पर लोगों के बीच 6 फीट की दूरी रहती है।
बता दें कि हाल में 'द लैंसेट' की एक स्टडी में ये बात कही गई थी कि कोविड-19 वायरस करीब तीन घंटे तक हवा में बना रह सकता है और लोगों को संक्रमित कर सकता है। इस शोध को ब्रिटेन सहित अमेरिका और कनाडा के छह विशेषज्ञों ने अंजाम दिया था।