शराब घर पहुंचाने को चुनौती देने वाली याचिका में ‘आप’ को पक्ष के तौर पर हटाने का अदालत का निर्देश

By भाषा | Updated: July 15, 2021 21:07 IST2021-07-15T21:07:28+5:302021-07-15T21:07:28+5:30

Court's direction to remove 'AAP' as a party in the petition challenging the delivery of liquor home | शराब घर पहुंचाने को चुनौती देने वाली याचिका में ‘आप’ को पक्ष के तौर पर हटाने का अदालत का निर्देश

शराब घर पहुंचाने को चुनौती देने वाली याचिका में ‘आप’ को पक्ष के तौर पर हटाने का अदालत का निर्देश

नयी दिल्ली, 15 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा की नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब की ‘होम डिलीवरी’ (घर पहुंचाना) को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया और उन्हें याचिका के पक्षकारों की सूची से आम आदमी पार्टी (आप) का नाम हटाने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने वर्मा की याचिका पर सुनवाई को नौ अगस्त तक स्थगित करते हुए कहा, “हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं। पक्षों का संशोधित ज्ञापन दायर करें।”

वर्मा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील बालाजी श्रीवास्तव ने कहा, “यह उनकी पार्टी के घोषणापत्र में था.. (लेकिन) मैं इसे (पक्षों का ज्ञापन) बदलूंगा।” उन्होंने दलील दी कि शराब की होम डिलीवरी संविधान के अनुच्छेद 47 और जन स्वास्थ्य के खिलाफ है।

संविधान के अनुच्छेद 47 में कहा गया है कि राज्य का यह कर्तव्य है कि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करे और मादक पेय के सेवन पर रोक लगाने की कोशिश करे।

श्रीवास्तव ने दलील दी कि शराब के सेवन से न केवल लोगों की प्रतिरोधक क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बल्कि घरेलू हिंसा के मामलों में भी वृद्धि होती है।

अदालत शुरू में याचिका पर नोटिस जारी करने के लिए बढ़ी, लेकिन जब तीसरे प्रतिवादी के तौर पर आम आदमी पार्टी के नाम को देखा तो उसने सुनवाई स्थगित कर दी और वर्मा के वकील को पहले पक्षों के ज्ञापन में संशोधन करने को कहा।

वर्मा ने अपनी याचिका में दिल्ली आबकारी (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 66 (6) को चुनौती दी है। वर्मा ने याचिका में कहा है कि नई नीति ऐसे समय में लाई गई है जब राष्ट्रीय राजधानी “अब भी (कोरोना वायरस की) घातक दूसरी लहर से जूझ रही है और दवाओं और टीकाकरण की भारी कमी है"।

याचिका में दावा किया गया है कि संशोधित नियम से अस्पतालों और स्कूलों में भी शराब पहुंचाई जा सकती है और इसमें शराब पहुंचाने वाले व्यक्ति की सुरक्षा पर कम विचार किया गया है।

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Web Title: Court's direction to remove 'AAP' as a party in the petition challenging the delivery of liquor home

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