न्यायालय का केन्द्र की महत्वाकांक्षी सेन्ट्रल विस्टा परियोजना पर फैसला मंगलवार को

By भाषा | Updated: January 4, 2021 21:05 IST2021-01-04T21:05:03+5:302021-01-04T21:05:03+5:30

Court's decision on the Centre's ambitious Central Vista project on Tuesday | न्यायालय का केन्द्र की महत्वाकांक्षी सेन्ट्रल विस्टा परियोजना पर फैसला मंगलवार को

न्यायालय का केन्द्र की महत्वाकांक्षी सेन्ट्रल विस्टा परियोजना पर फैसला मंगलवार को

नयी दिल्ली, चार जनवरी उच्चतम न्यायालय केन्द्र की महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को अपना फैसला सुनायेगा। इस परियोजना के लिये पर्यावरण मंजूरी दिये जाने और इसके लिये भूमि उपयोग में बदलाव सहित अनेक बिन्दुओं पर सवाल उठाये गये हैं।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ इन याचिकाओं पर फैसला सुनायेगी। इस पीठ ने पिछले साल पांच नवंबर को इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुये कहा था कि इन पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा।

हालांकि, इसी दौरान, न्यायालय ने सात दिसंबर को केन्द्र सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना के आयोजन की अनुमति दे दी थी। सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया था कि इस परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओ का निबटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने या पेड़ों को काटने जैसा कोई काम नहीं किया जाये। परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम 10 दिसंबर को आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद भवन की नयी इमारत की आधारशिला रखी थी।

इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितम्बर में हुई थी, जिसमें एक नये त्रिभुजाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा।

इस परियोजना के तहत साझा केन्द्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है। यह परियोजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे दायरे में फैली हुई है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पांच दिसम्बर को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 दिसम्बर को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे और इसका निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है, जिसमें 971 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने कहा था कि सेन्ट्रल विस्टा परियोजना के लिये जमीनी स्तर पर किसी प्रकार का बदलाव प्राधिकारी अपनी जोखिम पर करेंगे।

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि इस परियोजना का भविष्य उसके फैसले पर निर्भर करेगा।

इस मामले में सुनवाई के दौरान केन्द्र ने न्यायालय में तर्क दिया था कि परियोजना से उस ‘‘धन की बचत’’ होगी, जिसका भुगतान राष्ट्रीय राजधानी में केन्द्र सरकार के मंत्रालयों के लिए किराये पर परिसर लेने के लिए किया जाता है।

केन्द्र ने यह भी कहा था कि नए संसद भवन का निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया गया और परियोजन के लिए किसी भी तरह से किसी भी नियम या कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया गया।

न्यायालय में राजीव सूरी सहित अनेक व्यक्तियों ने इस परियोजना को चुनौती दी थी। परियोजना के लिये भूमि उपयोग में बदलाव, पर्यावरण मंजूरी, इसके लिये अनापत्ति प्रमाण पत्र देने सहित विभिन्न मंजूरियों पर भी इन याचिकाओं में सवाल उठाये गये हैं।

केन्द्र ने परियोजना के लिए सलाहकार का चयन करने में कोई मनमानी या पक्षपात करने से इंकार करते हुए कहा था कि सिर्फ इस दलील पर परियोजना को रद्द नहीं किया जा सकता कि सरकार इसके लिए बेहतर प्रक्रिया अपना सकती थी।

गुजरात स्थित आर्किटेक्चर कम्पनी ‘एचसीपी डिज़ाइन्स’ ने ‘सेंट्रल विस्टा’ के पुनर्विकास के लिए परियोजना के लिए परामर्शी बोली जीती है।

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Web Title: Court's decision on the Centre's ambitious Central Vista project on Tuesday

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