अदालत से बंगाल में चुनाव बाद हिंसा, गंभीर अपराधों की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध

By भाषा | Updated: August 2, 2021 21:27 IST2021-08-02T21:27:40+5:302021-08-02T21:27:40+5:30

Court urges CBI to investigate after-poll violence, serious crimes in Bengal | अदालत से बंगाल में चुनाव बाद हिंसा, गंभीर अपराधों की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध

अदालत से बंगाल में चुनाव बाद हिंसा, गंभीर अपराधों की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध

कोलकाता, दो अगस्त पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच समिति की सिफारिशों के अनुसार बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया ।

अदालत में प्रदेश पुलिस का पक्ष रख रहे अधिवक्ता ने सीबीआई जांच के अनुरोध का विरोध किया और दावा किया कि उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आधारहीन और राजनीति से प्रेरित है ।

एनएचआरसी कमेटी की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुये याचिकाकर्ताओं में से एक का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने अदालत से मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का अनुरोध किया । जांच रिपोर्ट में पुलिस की अक्षमता पर सवाल उठाते हुये कहा गया कि कई मामलों में शिकायत भी दर्ज नहीं की गयी ।

उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों पर राज्य सरकार के दावे समिति के निष्कर्षों से मेल नहीं खाते हैं, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि सरकार के आंकड़ों की तुलना में यह बहुत अधिक है।

उच्च न्यायालय में प्रदेश पुलिस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिबल ने जोर देकर कहा कि यह रिपोर्ट पूर्वाग्रह से प्रेरित है और कमेटी के कुछ सदस्यों का भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं ।

पांच न्यायाधीशों की पीठ को 13 जुलाई को सौंपी गई अपनी अंतिम रिपोर्ट में कमेटी ने कहा था कि ‘‘यह मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों के खिलाफ सत्तारूढ़ दल के समर्थकों द्वारा प्रतिशोधात्मक हिंसा थी’’ और बलात्कार एवं हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी ।

मामले में पक्षकार बनाने का अनुरोध करते हुए प्रदेश सरकार के वन मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक एवं तृणमूल कांग्रेस विधायक पार्थ भौमिक के अधिवक्ताओं ने कहा कि बगैर उनसे बातचीत किये एनएचआरसी की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ‘कुख्यात अपराधियों’ की सूची में उनसे मिलता-जुलता नाम शामिल कर दिया गया है।

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Web Title: Court urges CBI to investigate after-poll violence, serious crimes in Bengal

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