समय से पहले टीके की दूसरी खुराक लेने पर आदेश के विरुद्ध केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी अदालत

By भाषा | Updated: September 27, 2021 15:11 IST2021-09-27T15:11:26+5:302021-09-27T15:11:26+5:30

Court to hear Centre's plea against order on premature second dose of vaccine | समय से पहले टीके की दूसरी खुराक लेने पर आदेश के विरुद्ध केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी अदालत

समय से पहले टीके की दूसरी खुराक लेने पर आदेश के विरुद्ध केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी अदालत

कोच्चि, 27 सितंबर केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह तीन दिन बाद केंद्र सरकार की उस अपील पर सुनवाई करेगा जो कोविशील्ड की पहली खुराक के चार सप्ताह बाद ही दूसरी खुराक लेने की अनुमति देने के विरुद्ध दायर की गई थी। उच्च न्यायालय क एकल न्यायाधीश की पीठ ने टीके की पहली खुराक के चार सप्ताह बाद दूसरी खुराक लेने के इच्छुक लोगों को इसकी अनुमति दी थी।

हालांकि, केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार पहली खुराक के 84 दिन बाद दूसरी खुराक लेने का सुझाव दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली ने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की। ।

केंद्र सरकार ने तीन सितंबर को न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार की एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है । एकल पीठ ने यह आदेश किटेक्स गारमेंट्स लिमिटेड की याचिका पर दिया था। इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि कम्पनी के कर्मचारियों को टीके की पहली खुराक के बाद 84 दिन तक रुकने की बजाय पहले ही दूसरी खुराक लेने की अनुमति दी जाये।

किटेक्स ने यह भी कहा था कि उसने अपने पांच हजार से ज्यादा कर्मचारियों को कोविड रोधी टीके की पहली खुराक दी और दूसरी खुराक के लिए प्रबंध किया जिसमें लगभग 93 लाख रुपये का खर्च आया लेकिन प्रतिबंध के कारण कर्मचारियों को दूसरी खुराक नहीं लग सकी।

कम्पनी की ओर से पेश हुए वकील ब्लेज के. जोस ने बताया कि पीठ ने सोमवार को किटेक्स को निर्देश दिया कि वह कमर्चारियों के टीकाकरण का विवरण पेश करे। जोस ने कहा कि केंद्र ने तीन सितंबर के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया है जिसे पीठ ने ठुकरा दिया।

केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सहायक सॉलिसिटर जनरल पी विजयकुमार ने कहा कि चूंकि कंपनी ने तीन सितंबर के आदेश के अनुपालन के संबंध में अभी तक अवमानना याचिका दायर नहीं की है इसलिए रोक लगाने का अनुरोध नहीं किया गया।

केंद्र सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि अगर एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द नहीं किया गया तो देश में टीकाकरण नीति पटरी से उतर सकती है और कोविड-19 से मुकाबले करने की केंद्र सरकार की रणनीति का क्रियान्वयन ठीक प्रकार से नहीं हो सकेगा।

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Web Title: Court to hear Centre's plea against order on premature second dose of vaccine

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