शहाबुद्दीन को अदालत का सुझाव : दिल्ली में परिवार से मिलें

By भाषा | Updated: November 3, 2020 20:07 IST2020-11-03T20:07:54+5:302020-11-03T20:07:54+5:30

Court suggestion to Shahabuddin: meet family in Delhi | शहाबुद्दीन को अदालत का सुझाव : दिल्ली में परिवार से मिलें

शहाबुद्दीन को अदालत का सुझाव : दिल्ली में परिवार से मिलें

नयी दिल्ली, तीन नवंबर जेल में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के लिए सुरक्षा आश्वासन देने में दिल्ली सरकार और बिहार पुलिस की अनिच्छा के बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुझाव दिया कि वह अपने परिवार को यहां बुलाकर भेंट कर सकते हैं।

गैंगस्टर से नेता बने शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद हैं और वह सीवान जाना चाहते थे।

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व नेता शहाबुद्दीन को 2018 में बिहार की सिवान जेल से तिहाड़ जेल भेज दिया था।

हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन ने सिवान जाने के लिए इस आधार पर ‘कस्टडी पैरोल’ मांगी थी कि उनके पिता का 19 सितंबर को निधन हो गया और वह अपनी मां के साथ समय बिताना चाहते हैं, जो अस्वस्थ हैं।

दिल्ली और बिहार सरकारों के वकीलों ने ‘कस्टडी पैरोल’ की स्थिति में भी शहाबुद्दीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न्यायामूर्ति ए जे भंभानी के समक्ष जरूरी आवश्यकताओं का जिक किया।

दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील संजय लाव ने कहा कि बिहार में कैदी की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

उन्होंने कहा कि उन्हें बिहार ले जाना मुश्किल होगा क्योंकि उनके साथ जाने के लिए पुलिस की एक पूरी बटालियन की जरूरत होगी और कोविड-19 महामारी के कारण ट्रेनें भी सामान्य रूप से नहीं चल रही हैं।

बिहार की ओर से पेश वकील केशव मोहन ने कहा कि शहाबुद्दीन को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है और दिल्ली को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि राहत प्रदान किए जाने की स्थिति में आवश्यक व्यवस्थाओं का वर्णन करते हुए वह एक नया हलफनामा दायर करेंगे।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति भंभानी ने कहा, ‘‘अदालत कैदी को परिवार में शोक जैसी स्थिति में ‘कस्टडी पैरोल’ देने पर विचार कर सकती है। लेकिन यहां मुद्दा यह है कि बिहार और दिल्ली सरकार दोनों मुझे यह सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं।’’

अदालत ने कहा, ‘‘वे यह सुनिश्चित करने के इच्छुक नहीं हैं कि वह उनकी हिरासत में सुरक्षित रहेगा। धमकी का तत्व वही है, आप छह घंटे के लिए कस्टडी पैरोल में जाएं या अधिक समय के लिए। क्यों नहीं आपका परिवार दिल्ली आकर आपसे मिल लेता है। दिल्ली में आपको एक अलग जगह दी जाएगी जहां आप अपने परिवार से मिल सकते हैं।’’

शहाबुद्दीन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि बिहार सरकार एक हलफनामे में कहे कि वे उनकी देखरेख और रक्षा नहीं कर सकते हैं। इसके बाद वह अदालत द्वारा सुझाए गए विकल्प पर विचार करेंगे।

शहाबुद्दीन को ‘हिस्ट्रीशीटर टाइप ए’ या सुधार से परे घोषित किया गया था। वह दो बार विधान सभा के और चार बार संसद सदस्य रह चुके हैं।

Web Title: Court suggestion to Shahabuddin: meet family in Delhi

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