सोने की तस्करी की ईडी जांच पर जांच आयोग नियुक्त करने के आदेश पर अदालत ने रोक लगायी

By भाषा | Updated: August 11, 2021 19:09 IST2021-08-11T19:09:47+5:302021-08-11T19:09:47+5:30

Court stays order to appoint inquiry commission on ED probe into gold smuggling | सोने की तस्करी की ईडी जांच पर जांच आयोग नियुक्त करने के आदेश पर अदालत ने रोक लगायी

सोने की तस्करी की ईडी जांच पर जांच आयोग नियुक्त करने के आदेश पर अदालत ने रोक लगायी

कोच्चि, 11 अगस्त केरल उच्च न्यायालय ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से हुई सोने की तस्करी की जांच में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को फंसाने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की किसी भी कथित कोशिश का पता लगाने के लिए जांच आयोग नियुक्त करने के राज्य सरकार के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी और कहा कि समानांतर जांच से इस मामले की ‘जांच पटरी से उतर जाएगी।’

जांच आयोग नियुक्त करने की वाममोर्चा सरकार की सात मई की अधिसूचना पर न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने ईडी की अर्जी की सुनवाई करते हुए रोक लगा दी। अदालत में ईडी का प्रतिनिधित्व सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने किया। ईडी ने दलील दी थी कि राज्य (सरकार) ऐसी जांच का आदेश देने के लिए ‘अक्षम’ है क्योंकि संबंधित विषय संविधान की सातवीं अनुसूची की केंद्रीय सूची में आता है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसे मामलों में यदि समानांतर जांच की जाती हैं तो उससे जांच ‘बाधित होगी एवं पटरी से उतर जाएगी’ जिसका फायदा आरोपियों को होगा।

सॉलीसीटर जनरल ने अदालत से यह भी कहा था कि जांच के विषय का संबंध ऐसी एजेंसियों द्वारा अपराधों की जांच से है जो ऐसी जांच के लिए अधिकृत एवं सक्षम हैं..।

दूसरी तरफ, राज्य सरकार ने दावा किया कि ईडी केंद्र सरकार का विभाग है और ऐसे में वह रिट याचिका दायर नहीं कर सकती है क्योंकि वह ‘‘विधिक व्यक्तित्व (गैर इंसानी कानूनी निकाय, जिसके इंसान जैसे अधिकार एवं दायित्व हों) नहीं है जो मुकदमा कर सकता है या जिसपर मुकदमा किया जा सकता है।’’

उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए यह दलील खारिज कर दी कि ईडी बस केंद्र सरकार का विभाग ही नहीं बल्कि एक सांविधिक निकाय है और सांविधिक निकाय को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट याचिका दायर करने का हक है।

उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में कहा, ‘‘ दूसरे शब्दों में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपने नाम से रिट याचिका दायर करने का पक्का हक है।’’

उसने यह भी कहा कि इस प्रश्न की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई में जांच आयोग गठित किया गया था कि कहीं वॉयस क्लिप (पकड़ी गयी बातचीत का अंश) एवं पत्र, जिसके बारे में कहा जाता है कि सोने की तस्करी के मामले में आरोपियों ने जारी किया, की सामग्री राज्य के राजनीतिक मोर्चे के नेताओं को झूठे तरीके से फंसाने की साजिश का परिचायक तो नहीं है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि इस तरह के मामले में साजिश के सवाल का विशेष अदालत परीक्षण करेगी जो इस मामले की जांच की निगरानी कर रही है।

न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, ‘‘ उक्त तरह के प्रश्नों के सिलसिले में यदि समानांतर जांच की जाती हैं तो प्रथम दृष्टया मेरा मानना है कि उससे जांच बाधित होगी एवं पटरी से उतर जाएगी जिसका फायदा आरोपियों को होगा और उस कानून का मकसद पराजित होगा जिसके तहत आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया है। मैं (ईडी की) रिट याचिका स्वीकार करने एवं उसमें किये गये अनुरोध पर अंतरिम आदेश जारी करने के पक्ष में हूं।’’ इसके बाद न्यायमूर्ति कुमार ने सात मई की अधिसूचना पर रोक लगा दी।

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Web Title: Court stays order to appoint inquiry commission on ED probe into gold smuggling

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