निगरानी प्रणालियों को बंद करने के लिए दायर याचिका पर अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब

By भाषा | Updated: December 2, 2020 12:32 IST2020-12-02T12:32:44+5:302020-12-02T12:32:44+5:30

Court seeks response from Center on petition filed for shutting down surveillance systems | निगरानी प्रणालियों को बंद करने के लिए दायर याचिका पर अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब

निगरानी प्रणालियों को बंद करने के लिए दायर याचिका पर अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब

नयी दिल्ली, दो दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से प्रतिक्रिया मांगी है जिसमें दावा किया गया था कि ‘सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम’ (सीएमसएस), ‘नेटवर्क ट्रैफिक एनालिसिस’ (नेत्र) और ‘नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड’ (नैटग्रिड) जैसी निगरानी प्रणालियों से नागरिकों के निजता के अधिकार को “खतरा” है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की एक पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर गृह, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार तथा विधि एवं न्याय मंत्रालयों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी 2021 की तारीख तय की है।

‘सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ नामक गैर सरकारी संगठन ने दावा किया है कि इन निगरानी प्रणालियों से केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां एक साथ सभी दूरसंचार के माध्यमों पर हो रही बातचीत का पता लगा सकती हैं जो कि व्यक्ति की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

वकील प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में जो कानून उपलब्ध हैं उनमें ऐसे प्रावधान नहीं है जिससे सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किये गए निगरानी और कॉल सुनने के आदेशों की समीक्षा की जा सके।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र को निर्देश दिया जाए कि वह सीएमएस, नेत्र और नैटग्रिड जैसी निगरानी प्रणालियों को पूरी तरह से बंद करे।

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Web Title: Court seeks response from Center on petition filed for shutting down surveillance systems

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