आवश्यक रक्षा सेवाओं में हड़ताल के निषेध के खिलाफ याचिका पर अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब

By भाषा | Updated: September 16, 2021 16:42 IST2021-09-16T16:42:13+5:302021-09-16T16:42:13+5:30

Court seeks response from Center on petition against prohibition of strike in essential defense services | आवश्यक रक्षा सेवाओं में हड़ताल के निषेध के खिलाफ याचिका पर अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब

आवश्यक रक्षा सेवाओं में हड़ताल के निषेध के खिलाफ याचिका पर अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब

नयी दिल्ली, 16 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आवश्यक रक्षा सेवाओं में हड़ताल को निषेध करने और आवश्यक रक्षा सेवा अधिनियम, 2021 के तहत सख्त आपराधिक परिणाम लागू करने की केंद्र सरकार की शक्तियों को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बृहस्पतिवार को उससे जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने याचिका पर रक्षा मंत्रालय और कानून मंत्रालय को नोटिस जारी किये। याचिका में इस कानून के कई प्रावधानों की वैधता को चुनौती देते हुये कहा गया है कि यह अधिकारियों को किसी भी प्रतिष्ठान को “आवश्यक रक्षा सेवा” घोषित करने और हड़तालों में किसी भी प्रकार की भागीदारी और समर्थन पर रोक लगाने के लिए “निरंकुश शक्ति” देता है।

देश भर की 400 से अधिक पंजीकृत मजदूर यूनियनों के राष्ट्रीय महासंघ, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ की याचिका ने 30 जून 2021 को लागू हुए आवश्यक रक्षा सेवा अधिनियम, 2021 के कई प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि ये भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए), 19(1)(सी), 21 और 311 के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदाओं का उल्लंघन करता है जिन्हें भारत द्वारा स्वीकार और अनुमोदित किया गया है तथा ये मानवाधिकारों का भी हिस्सा हैं।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने दलील दी कि हड़ताल श्रमिकों के हाथ में एक हथियार था और इस पर कोई भी प्रतिबंध स्थापित कानून और श्रम व्यवस्थाओं के विपरीत होगा।

अदालत ने हालांकि कहा कि याचिकाकर्ता एक नए क़ानून के मद्देनजर “आवश्यक सेवाओं में हड़ताल की पुरानी अवधारणा” को जारी रखने के लिए दबाव नहीं बना सकता है।

पीठ ने कहा, “अगर लोगों की इच्छा है कि आप हड़ताल पर नहीं जाएं, तो याचिकाकर्ता कौन है, जो लोगों, संसद की इच्छा के बावजूद कहे कि मैं एक आवश्यक सेवा होने के बाद भी हड़ताल पर जाऊंगा।”

पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 नवंबर निर्धारित करते हुए कहा, “जब आप बदलाव लाते हैं तो लोग चुनौती देने के लिए बाध्य होते हैं। आप (केंद्र) अपना जवाब दाखिल करें। हम फैसला करेंगे।

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Web Title: Court seeks response from Center on petition against prohibition of strike in essential defense services

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