भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारी की जमानत याचिका पर अदालत ने सीबीआई से मांगा जवाब

By भाषा | Updated: September 16, 2021 15:55 IST2021-09-16T15:55:38+5:302021-09-16T15:55:38+5:30

Court seeks response from CBI on officer's bail plea in corruption case | भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारी की जमानत याचिका पर अदालत ने सीबीआई से मांगा जवाब

भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारी की जमानत याचिका पर अदालत ने सीबीआई से मांगा जवाब

नयी दिल्ली, 16 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सीबीआई के अधिकारी अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका पर जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया। यह अधिकारी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच एजेंसी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के कथित तौर पर लीक होने के संबंधित प्रकरण में हिरासत में है।

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और इसे सह-आरोपी व देशमुख के वकील आनंद डागा की इसी तरह की याचिका के साथ संलग्न कर 27 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

सीबीआई ने अपने उप-निरीक्षक तिवारी, नागपुर के अधिवक्ता डागा और अन्य के खिलाफ रिश्वत समेत विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया था।

डागा को देशमुख के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित प्रारंभिक जांच को कथित रूप से विफल करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

याचिका के मुताबिक, तिवारी को 30 अगस्त को हिरासत में लिया गया था, एक सितंबर को उसे गिरफ्तार किया गया था। तिवारी छह सितंबर से न्यायिक हिरासत में है।

तिवारी ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करने के सीबीआई की विशेष अदालत के आठ सितंबर के आदेश को चुनौती दी है।

याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता मनीष दुबे और अवधेश चौधरी ने याचिका दी है। याचिका में कहा गया है कि तिवारी को बलि का बकरा बनाया जा रहा है और वरिष्ठों द्वारा उसपर दबाव डाला जा रहा था।

तिवारी ने कहा कि उनका एक साफ-सुथरा और बेदाग सेवा रिकॉर्ड है तथा उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के कारण ही उनके वरिष्ठों ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के संबंध में चल रही जांच के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी।

याचिका में तिवारी ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल से अधिक समय से उन्हें निडर तरीके से अपना कर्तव्य निर्वहन की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें हमेशा उत्पीड़न व मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा।

निचली अदालत ने तिवारी और डागा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जांच अभी बेनतीजा है।

देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने वाली प्रारंभिक जांच (पीई) की एक रिपोर्ट पूर्व में लीक हो गई थी जिससे एजेंसी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी।

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Web Title: Court seeks response from CBI on officer's bail plea in corruption case

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