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अदालत ने आवासीय कालोनी के पास एसटीपी निर्माण के खिलाफ अर्जी पर एम्स से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: February 9, 2021 17:16 IST

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नयी दिल्ली, नौ फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उस अर्जी पर एम्स से जवाब मांगा जिसमें अनुरोध किया गया है कि गौतम नगर की आवासीय कॉलोनी के पास एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण पर रोक लगायी जाए क्योंकि यह निवासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा होगा और इससे दुर्गंध उत्पन्न होगी।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से याचिका पर एक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को 27 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत गौतम नगर रेजिडेंट्स एसोसिएशन की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रिहायशी इलाके से महज 30 फीट की दूरी पर एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने को लेकर प्रतिवादियों, एम्स प्राधिकारियों के ‘‘गैरकानूनी कदम’’ को चुनौती दी गई है।

अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि वे इतनी देर से क्यों आए हैं क्योंकि निर्माण कार्य लंबे समय से चल रहा है।

इस पर रेजीडेंट्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अजय शर्मा ने कहा कि निर्माण कार्य तहखाने में काम चल रहा था और किसी को भी इसके बारे में पता नहीं था और उन्हें हाल ही में संयंत्र के बारे में पता चला है और उन्होंने अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी।

एम्स का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सत्य रंजन स्वैन ने कहा कि यह अर्जी जल्दबाजी में दायर की गई है और उन्हें एसोसिएशन ने अपनी बात रखी थी और हम उस पर जवाब तैयार कर रहे है जो उच्च प्राधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद याचिकाकर्ता को दिया जाएगा।

अधिवक्ता शफीक अहमद के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि एसटीपी नवनिर्मित राज कुमारी अमृत कौर ओपीडी के पास स्थापित किया जा रहा है और यह गौतम नगर को विभाजित करने वाली सड़क से सटा हुआ है जो याचिकाकर्ता और एम्स का क्षेत्र है।

इसमें कहा गया है कि आवासीय क्षेत्र के पास एसटीपी की स्थापना क्षेत्र में रहने वाले निवासियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है और इससे श्वसन और त्वचा रोग होने आशंका में वृद्धि होती है।

इसमें कहा गया है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यदि एसटीपी को आवासीय कॉलोनी के इतने करीब से स्थापित किया जाता है तो गौतम नगर इलाके में रहने वाले कम से कम 20,000 लोगों के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न होगा तथा उससे दुर्गंध भी उत्पन्न होगी। अर्जी में वहां इसके निर्माण को रोकने का अनुरोध किया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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