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प्रौद्योगिकी की वजह से भविष्य में अदालत कक्ष छोटे होंगे: प्रधान न्यायाधीश बोबडे

By भाषा | Updated: March 27, 2021 18:34 IST

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पणजी, 27 मार्च प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने शनिवार को कहा कि प्रौद्योगिकी के कारण भविष्य में अदालत कक्ष और अदालत परिसर छोटे हो जाएंगे।

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि कोरोना वायरस ने न्याय तक पहुंच में चुनौती पेश की है, लेकिन इसने अदालतों के आधुनिकीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।

प्रधान न्यायाधीश पोरवोरिम में बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ की नई इमारत का उद्धाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर केंद्रीय विधि और न्याय, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

न्यायमूर्ति बोबडे ने अपने भाषण में कहा, “

रविशंकर प्रसाद के मंत्रालय की वजह से मैं भविष्य में छोटे अदालत कक्षों की प्रवृत्ति देखता हूं।”

उन्होंने कहा कि ई-फाइलिंग एवं आंकड़े रेखने के लिए कई भंडारण कक्षों की जरूरत नहीं होगी और न ही कागज़ रखने के लिए कक्षों की जरूरत होगी।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अदालतों के अवसंरचना के मुद्दे पर अपना काम किया है और उसने न्यूनतम मानकों के लिए मानदंड और रूपरेखा बताई है।

उन्होंने कहा कि अवसंरचना पर चर्चा काफी हद तक अधिक अदालतों के निर्माण पर है।

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, “ अधिक अदालत कक्षों का निर्माण जरूरी और अहम है। हालांकि मौजूदा अदालत कक्षों के आधुनिकीकरण पर बहुत कम जोर दिया गया है। महामारी ने न्याय तक पहुंच में काफी समस्या पैदा की है लेकिन इसने अदालत कक्षों के आधुनिकीकरण का मार्ग प्रशस्त किया है।”

प्रधान न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि मुंबई में बंबई उच्च न्यायालय के लिए नई इमारत की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “ ब‍ंबई (उच्च न्यायालय) को भी नई इमारत की जरूरत है। बंबई की इमारत का निर्माण सात न्यायाधीशों के लिए हुआ था और इसमें अब 40 से ज्यादा न्यायाधीश हैं।”

गोवा में न्यायपालिका पर न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि गोवा में न्याय की विरासत चार-साढ़े शताब्दियों से अधिक पुरानी है।

गोवा को पुर्तगाल के औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलाई गई थी।

न्यायमूर्ति बोबडे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त होने से पहले बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ के पीठासीन न्यायाधीश थे।

उन्होंने कहा, “ मैं सिर्फ इकलौता या तीन न्यायाधीशों में से एक था जो अक्सर गोवा में बैठते थे। मैंने यह टिप्पणियां सुनी हैं कि न्यायमूर्ति बोबडे गोवा के न्यायाधीश हैं। मुझे जब इस तरह से वर्णित किया जाता है मुझे खुशी होती है, क्योंकि मैं गोवा, उसकी संस्कृति, प्राकृतिक निवास, संगीत और फुटबॉल का भी प्रशंसक हूं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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