अदालत ने शिरडी मंदिर न्यास की नयी समिति को नीतिगत फैसले लेने से रोका

By भाषा | Updated: September 22, 2021 20:08 IST2021-09-22T20:08:39+5:302021-09-22T20:08:39+5:30

Court restrains new committee of Shirdi Temple Trust from taking policy decisions | अदालत ने शिरडी मंदिर न्यास की नयी समिति को नीतिगत फैसले लेने से रोका

अदालत ने शिरडी मंदिर न्यास की नयी समिति को नीतिगत फैसले लेने से रोका

मुंबई, 22 सितंबर बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने शिरडी के साईंबाबा मंदिर की नयी प्रबंध समिति को अगले आदेश तक नीतिगत फैसला नहीं लेने, व्यय की मंजूरी नहीं देने या नियुक्तियां नहीं करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति आर वी घुगे और एस जी मेहरे की खंडपीठ ने उत्तमराव खेल्के की एक दीवानी अर्जी पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह आदेश जारी किया।

शेल्के ने मंदिर न्यास के कामकाज के बारे में एक जनहित याचिका दायर की थी।

आदेश बुधवार को उपलब्ध कराया गया।

शेल्के की याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने इस साल 16 सितंबर को श्री साईंबाबा संस्थान के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विधायक आशुतोष काले के नेतृत्व में एक नयी प्रबंध समिति नियुक्त की थी, जिसने इसके अगले दिन प्रभार संभाला था।

शेल्के के वकील प्रदन्य तालेकर ने दलील दी कि लेकिन समिति को उच्च न्यायालय की अनुमति के बगैर नियुक्त किया गया था।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार ने राजनीतिक हस्तियों को शामिल कर नयी समिति गठित की और ऐसा करने में श्री साईंबाबा संस्थान न्यास अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

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Web Title: Court restrains new committee of Shirdi Temple Trust from taking policy decisions

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