अनुसूचित जाति/जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर न्यायालय ने सुरक्षित रखा अपना फैसला
By भाषा | Updated: October 26, 2021 15:29 IST2021-10-26T15:29:40+5:302021-10-26T15:29:40+5:30

अनुसूचित जाति/जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर न्यायालय ने सुरक्षित रखा अपना फैसला
नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर अपना फैसला मंगलवार को सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमर्ति बी आर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों की तरफ से पेश हुए अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं सहित पक्षों की दलीलेें सुनने के बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा।
केंद्र ने पूर्व में पीठ से कहा था कि यह एक तथ्य है कि लगभग 75 वर्षों के बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़े वर्गों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया गया है।
वेणुगोपाल ने कहा था कि एससी और एसटी से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है और समय आ गया है जब शीर्ष अदालत को एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) द्वारा इन रिक्तियों को भरे जाने के लिये कुछ ठोस आधार देने चाहिए।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह एससी और एसटी को पदोन्नति में आरक्षण देने के अपने फैसले को फिर से नहीं खोलेगा क्योंकि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करते हैं।
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