फास्टैग अनिवार्य बनाने के निर्णय को चुनाती देने वाली याचिका पर सुनवाई से न्यायालय का इंकार

By भाषा | Updated: February 26, 2021 20:22 IST2021-02-26T20:22:31+5:302021-02-26T20:22:31+5:30

Court refuses to hear plea contesting decision to make fastag mandatory | फास्टैग अनिवार्य बनाने के निर्णय को चुनाती देने वाली याचिका पर सुनवाई से न्यायालय का इंकार

फास्टैग अनिवार्य बनाने के निर्णय को चुनाती देने वाली याचिका पर सुनवाई से न्यायालय का इंकार

नयी दिल्ली, 26 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने सभी वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इंकार कर दिया।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने 15 फरवरी की मध्य रात्रि से फास्टैग को अनिवार्य बना दिया है और जिस वाहन में फास्टैग नहीं लगा है उसे देश भर के इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर दोगुना भुगतान करना होगा।

प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय में जाएं और याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता की तरफ से पेश होने वाला वकील दिल्ली उच्च न्यायालय में जाने की छूट के साथ इस याचिका को वापस लेने का आग्रह करता है। अनुरोध को मंजूर किया जाता है। इसी मुताबिक रिट याचिका खारिज की जाती है।’’

पीठ ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के वकील ध्रुव टम्टा के इस तर्क को स्वीकार नहीं करता है कि यह पूरे देश का मामला है और उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में जाने के लिए कहा।

शीर्ष अदालत राजेश कुमार की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें फास्टैग को आवश्यक करने की केंद्र सरकार की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court refuses to hear plea contesting decision to make fastag mandatory

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे