अदालत ने वनियारों से जुड़े कानून पर रोक लगाने से इनकार किया

By भाषा | Updated: March 9, 2021 19:48 IST2021-03-09T19:48:05+5:302021-03-09T19:48:05+5:30

Court refused to ban the law related to forestry | अदालत ने वनियारों से जुड़े कानून पर रोक लगाने से इनकार किया

अदालत ने वनियारों से जुड़े कानून पर रोक लगाने से इनकार किया

चेन्नई, नौ मार्च मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार के उस नए कानून के कार्यान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें वनियार समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। वनियार समुदाय को यह आरक्षण अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के 20 प्रतिशत आरक्षण में से दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिल कुमार राममूर्ति की पीठ ने इस साल फरवरी में पारित कानून में हस्तक्षेप करने को लेकर अपनी असहमति जतायी। पीठ एमबीसी समुदाय के विजयकुमार द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने हालांकि राज्य सरकार को छह सप्ताह के अंदर अपना जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि वनियार समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने का यह फैसला कानून सम्मत नहीं है और 26 फरवरी को आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ मिनट पहले इसकी घोषणा की गयी थी। उनका आरोप है कि यह कदम 'राजनीति से प्रेरित' था।

पीठ ने अंतरिम याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने किए गए दावे की पुष्टि के लिए भौतिक साक्ष्य पेश नहीं किया।

अदालत ने उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के समक्ष दायर इसी तरह की एक अन्य याचिका को इसके साथ जोडने का भी आदेश दिया। मामले में अगली सुनवाई आठ सप्ताह के बाद होगी।

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Web Title: Court refused to ban the law related to forestry

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