मातृत्व लाभ अधिनियम के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस

By भाषा | Updated: October 1, 2021 18:18 IST2021-10-01T18:18:39+5:302021-10-01T18:18:39+5:30

Court notice to Center on petition challenging the provision of Maternity Benefit Act | मातृत्व लाभ अधिनियम के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस

मातृत्व लाभ अधिनियम के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के एक प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा। दरअसल, इस प्रावधान के तहत तीन महीने से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने वाली महिला भी मातृत्व अवकाश की हकदार होगी।

न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने विधि एवं न्याय मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को इस संबंध में नोटिस जारी किये हैं तथा मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 5(4) को भेदभावपूर्ण एवं मनमाना बताने वाली जनहित याचिका पर उनसे जवाब मांगा है।

उक्त अधिनियम के संबंधित प्रावधान के तहत तीन महीने से कम उम्र के बच्चे को कानूनी रूप से गोद लेने वाली महिला या शिशु की जैविक मां, बच्चे को (सरोगेट मदर से) प्राप्त करने के दिन से 12 सप्ताह के मातृत्व अवकाश की हकदार होगी।

याचिका के जरिए कर्नाटक निवासी हामसांदिनी नंदूरी ने मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 5(4) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है।

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Web Title: Court notice to Center on petition challenging the provision of Maternity Benefit Act

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