एनडीए में महिला उम्मीदवारों को शामिल नहीं करने के मुद्दे पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस

By भाषा | Updated: March 10, 2021 17:28 IST2021-03-10T17:28:23+5:302021-03-10T17:28:23+5:30

Court notice to Center on issue of not including women candidates in NDA | एनडीए में महिला उम्मीदवारों को शामिल नहीं करने के मुद्दे पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस

एनडीए में महिला उम्मीदवारों को शामिल नहीं करने के मुद्दे पर न्यायालय का केंद्र को नोटिस

नयी दिल्ली, दस मार्च उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र और अन्य को उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में योग्य एवं इच्छुक महिला उम्मीदवारों को शामिल नहीं करने का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि महिलाओं को केवल लिंग के आधार पर एनडीए में शामिल नहीं किया जाता है जो समानता के मौलिक अधिकारों का कथित उल्लंघन है।

याचिका में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि योग्य महिला उम्मीदवारों को ‘राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा’ में बैठने और एनडीए में प्रशिक्षण देने की अनुमति दी जाए।

प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर उनसे जवाब मांगा जिसमें कहा गया, ‘‘योग्य महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से लगातार बाहर रखना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है और ऐसा महज उनके लिंग के आधार पर किया जाता है।’’

पीठ में न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे। पीठ ने इस मामले में पक्षकार बनाने के लिये उत्तर प्रदेश की एक महिला की तरफ से दायर आवेदन भी स्वीकार कर लिया।

वकील कुश कालरा की तरफ से दायर याचिका में पिछले वर्ष फरवरी के ऐतिहासिक फैसले का जिक्र किया गया है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने सेना की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन और कमान पदस्थापन देने का निर्देश दिया था।

याचिका में कहा गया कि अधिकारी बारहवीं परीक्षा पास अविवाहित पुरुष उम्मीदवारों को ‘राष्ट्रीय रक्षा अकामदी एवं नौसेना अकादमी की परीक्षा’ में बैठने की अनुमति देते हैं लेकिन योग्य एवं इच्छुक महिला उम्मीदवारों को परीक्षा देने की अनुमति महज लिंग के आधार पर नहीं देते हैं। इसमें संविधान के तहत कोई उचित कारण भी नहीं दिए जाते हैं।

इसमें आरोप लगाया गया कि भेदभाव का यह कृत्य समानता और भेदभाव नहीं करने के संवैधानिक मूल्यों का ‘‘अपमान’’ है।

इसने कहा, ‘‘वर्षों से केवल लिंग के आधार पर योग्य एवं इच्छुक महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी की परीक्षा में बैठने से रोकना प्रतिवादियों द्वारा कानून के समक्ष समानता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।’’

इसने कहा कि यूपीएससी योग्यता के आधार पर आवश्यक शैक्षणिक योग्यता वाले अविवाहित पुरुषों का ‘राष्ट्रीय रक्षा अकादमी एवं नौसेना अकादमी परीक्षा’ आयोजित करता है, जिनकी उम्र 15 से 18 वर्ष के बीच हो।

इसने कहा कि परीक्षा उत्तीर्ण करने और एनडीए का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद कैडेट को सेना में 19 से 22 वर्ष के बीच स्थायी कमीशन दिया जाता है।

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Web Title: Court notice to Center on issue of not including women candidates in NDA

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