लाइव न्यूज़ :

कोर्ट ने चिकित्सकों पर लगाया 30 लाख रुपये का जुर्माना, इलाज में लापरवाही, मरीज की मौत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 19, 2019 20:10 IST

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने चिकित्सक संदीप अग्रवाल और मुफ्फजल अहमद को क्रमश: लखनऊ निवासी ज्ञान मिश्रा को 20 लाख रुपये और 10 लाख रुपये देने का निर्देश दिया। आयोग के पास शिकायत लंबित होने के दौरान मिश्रा की मृत्यु हो गई।

Open in App
ठळक मुद्देआदेश में यह भी कहा गया कि मिश्रा को यह क्षतिपूर्ति देने के लिए परोक्ष रूप से अस्पताल भी जवाबदेह है। डॉक्टर संदीप अग्रवाल को क्षतिपूर्ति के रूप में 20 लाख रुपये मिश्रा को देने का निर्देश दिया गया है।

शीर्ष उपभोक्ता आयोग एनसीडीआरसी ने सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट लिमिटेड के दो चिकित्सकों को निर्देश दिया है कि वे इलाज में लापरवाही के चलते किडनी खराब होने के कारण एक मरीज को 30 लाख रुपये का हर्जाना दें।

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने चिकित्सक संदीप अग्रवाल और मुफ्फजल अहमद को क्रमश: लखनऊ निवासी ज्ञान मिश्रा को 20 लाख रुपये और 10 लाख रुपये देने का निर्देश दिया। आयोग के पास शिकायत लंबित होने के दौरान मिश्रा की मृत्यु हो गई।

आदेश में यह भी कहा गया कि मिश्रा को यह क्षतिपूर्ति देने के लिए परोक्ष रूप से अस्पताल भी जवाबदेह है। एनसीडीआरसी ने कहा, “डॉक्टर संदीप अग्रवाल को क्षतिपूर्ति के रूप में 20 लाख रुपये मिश्रा को देने का निर्देश दिया गया है, जबकि मुफ्फजल अहमद को उन्हें 10 लाख रुपये देने होंगे।

विपक्षी पक्ष क्रमांक एक (सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट लिमिटेड) परोक्ष रूप से शिकायतकर्ता को उक्त राशि देने के लिए जवाबदेह होगी।” आयोग ने कहा कि चूंकि शिकायत लंबित रहने के दौरान मिश्रा की मृत्यु हो गई, इसलिए इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उनकी मौत चिकित्सकों की लापरवाही के चलते हुई, लेकिन ये बात तय है कि जिस साल उन्होंने उनसे इलाज कराया, उस दौरान उनकी किडनी खराब हुई। मिश्रा की शिकायत के अनुसार वह 2011 में लखनऊ के सहारा अस्पताल में अग्रवाल की निगरानी में भर्ती हुए।

उनका सीरम क्रिएटिनिन, जो खून में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद है, एक स्वीकार्य सीमा से ऊपर पाया गया। ये किडनी की बीमारी का संकेत है, लेकिन इसके बावजूद अस्पताल से छुट्टी देने से पहले उन्हें कोई और उपचार नहीं दिया गया। इसके बाद वह 2013 में एक बार फिर उसी अस्पताल में भर्ती हुए और अग्रवाल और अहमद ने इनका इलाज किया।

उनसे कहा गया कि वह किडनी की बीमारी की अंतिम अवस्था से गुजर रहे हैं और उन्हें डायलिसिस की जरूरत है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उन्हें गलत इंजेक्शन भी लगाया गया। चिकित्सकों के वकील ने कहा कि मिश्रा को काफी लंबे समय से शराब की लत थी और लंबे समय से मधुमेह से भी पीड़ित थे, जो किडनी फेल होने की प्रमुख वजह है। उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल की आचार संबंधी समिति ने भी चिकित्सकों के पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन एनसीडीआरसी ने मिश्रा की याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया। 

टॅग्स :दिल्लीकोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत