न्यायालय ने प.बंगाल में आपराधिक मामलों में फंसे भाजपा नेताओं को अंतरिम संरक्षण दिया

By भाषा | Updated: December 18, 2020 16:30 IST2020-12-18T16:30:19+5:302020-12-18T16:30:19+5:30

Court granted interim protection to BJP leaders trapped in criminal cases in West Bengal | न्यायालय ने प.बंगाल में आपराधिक मामलों में फंसे भाजपा नेताओं को अंतरिम संरक्षण दिया

न्यायालय ने प.बंगाल में आपराधिक मामलों में फंसे भाजपा नेताओं को अंतरिम संरक्षण दिया

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के पांच नेताओं को शुक्रवार को उनके खिलाफ पश्चिम बंगाल में दर्ज आपराधिक मामलों में अंतरिम संरक्षण प्रदान किया और राज्य की पुलिस को निर्देश दिया कि इन नेताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाये। भाजपा के इन नेताओं में मुकुल रॉय के अलावा दो सांसद कैलाश विजयवर्गीय और अर्जुन सिंह भी शामिल हैं।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ ने इन नेताओं की याचिकाओं पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है। पीठ इस मामले में अब जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेगी।

पीठ ने कहा कि इन नेताओं को प्रदत्त अंतरिम संरक्षण इन याचिकाओं की सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रहेगा।

इन नेताओं ने अलग अलग दायर याचिकाओं में आरोप लगाया है कि विधान सभा के आसन्न चुनावों से संबंधित राजनीतिक गतिविधियों से उन्हें दूर रखने के लिये उन पर आपराधिक मामले थोपे जा रहे हैं।

मुकुल रॉय, विजयवर्गीय और सिंह के अलावा भाजपा के दो अन्य नेताओं पवन कुमार सिंह और सौरव सिंह ने भी राज्य में उनके खिलाफ दर्ज मामलों में संरक्षण के लिये न्यायालय में याचिका दायर की हैं।

न्यायालय ने इन नेताओं को अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुये गृह मंत्रालय से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के सुरक्षाकर्मियों के बीच हुयी झड़प के बारे में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है। कबीर शंकर बोस ने न्यायलाय में अलग से याचिका दायर की है।

इस मामले की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अर्जुन सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद से 2019 में उनके खिलाफ 64 मामले दर्ज किये जा चुके हैं।

रोहतगी ने कहा, ‘‘मैं एक सांसद हूं और यह मामले मेरे टीएमसी छोड़ने के बाद दर्ज किये गये हैं। अर्जुन सिंह के खिलाफ पहला मामला 24 मार्च, 2019 को उनके टीएमसी छोड़ने के बाद दर्ज हुआ।’’

विजयवर्गीय के वकील ने पीठ से कहा कि वह मध्य प्रदेश से सांसद हैं और पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किये गये हैं।

विजयवर्गीय के वकील ने कहा, ‘‘मैं मध्य प्रदेश से सांसद हूं और सिर्फ इसलिए कि मैं पार्टी के काम से पश्चिम बंगाल जा रहा हूं, मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर लिये गये हैं।’’

भाजपा नेताओं ने पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच किसी स्वतंत्र एजेन्सी से कराने का अनुरोध किया है।

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Web Title: Court granted interim protection to BJP leaders trapped in criminal cases in West Bengal

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