नयी दिल्ली, 16 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रकट कर रहे किसानों को हटाने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को कुछ ‘कानूनी बिन्दु’ उठाने की अनुमति देने का बार-बार आग्रह किये जाने पर बुधवार को अप्रसन्नता व्यक्त की।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि साल्वे बृहस्पतिवार को कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं, जब इस मामले में फिर से सुनवाई होगी।
यह मामला उस समय सामने आया जब मेहता ने पीठ से कहा कि उन्हें साल्वे से संदेश मिला है कि इस कार्यवाही में शामिल होने के लिये उनके लिंक को खोल दिया जाये।
मेहता ने कहा, ‘‘मुझे हरीश साल्वे से संदेश मिला है और वह ध्वनियंत्र चालू करने का अनुरोध कर रहे हैं।’’
पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘कोर्ट मास्टर हमें बता रहे हैं कि किसी भी एडवोकेट ऑन रिकार्ड ने उन्हें नहीं बताया है कि साल्वे आज सूचीबद्ध मामलों में पेश हो रहे हैं।’’
यह अनुरोध दुबारा किये जाने पर पीठ ने कहा कि साल्वे को कल सुना जायेगा।
सुनवाई के अंतिम क्षणों में मेहता ने जब एक बार फिर यही अनुरोध किया और कहा कि वह न्यायालय को सिर्फ संदेश दे रहे हैं तो पीठ ने पलट कर कहा, ‘‘आप संदेशवाहक की तरह काम मत कीजिये, आप देश के सॉलिसीटर जनरल हैं।’’
न्यायालय ने किसान आन्दोलन के दौरान दिल्ली की सीमाओं को अवरूद्ध किये किसानों को हटाने के लिये दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केन्द्र और अन्य को नोटिस जारी करते हुये संकेत दिया कि इस विवाद को सुलझाने के लिये एक समिति गठित की जा सकती है।
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