न्यायालय ने पेगासस मामले पर सोशल मीडिया और वेबसाइट पर समानांतर वाद-विवाद पर अप्रसन्नता जताई

By भाषा | Updated: August 10, 2021 12:34 IST2021-08-10T12:34:22+5:302021-08-10T12:34:22+5:30

Court expresses displeasure over parallel debate on social media and website on Pegasus case | न्यायालय ने पेगासस मामले पर सोशल मीडिया और वेबसाइट पर समानांतर वाद-विवाद पर अप्रसन्नता जताई

न्यायालय ने पेगासस मामले पर सोशल मीडिया और वेबसाइट पर समानांतर वाद-विवाद पर अप्रसन्नता जताई

नयी दिल्ली,10 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से कथित तौर पर जासूसी कराए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं के सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर समानांतर वाद-वाद करने पर अप्रसन्नता जताई है। न्यायालय ने इन याचिकाकर्ताओं को अनुशासित रहने को कहा है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत वाद-विवाद की विरोधी नहीं है, लेकिन जब मामला अदालत में लंबित है तो इस पर चर्चा यहीं होनी चाहिए।

केन्द्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि उन्हें याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों के संबंध में सरकार से निर्देश लेने के लिए कुछ वक्त चाहिए। इस पर न्यायमूर्ति रमण, न्यायमूर्ति विनीत सरन एवं न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16अगस्त की तारीख निर्धारित की।

इस मामले में याचिका दाखिल करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि पेगासस से जुड़ी अदालत की कार्यवाही के बारे में राम को पिछली सुनवाई के बाद सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था।

पीठ ने कहा, ‘‘यही तो हम कह रहे हैं। हम पक्षकारों से प्रश्न करते हैं। हम दोनों पक्षकारों से पूछताछ करते हैं। मामले पर बहस यहां होनी चाहिए, इस पर बहस सोशल मीडिया या वेबसाइट पर नहीं होनी चाहिए। पक्षकारों को तंत्र पर भरोसा होना चाहिए।’’

उच्चतम न्यायालय इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से कथित तौर पर जासूसी कराए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच कराने के अनुरोध वाली अनेक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें से एक याचिका ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने दाखिल की है।

गौरतलब है कि पांच अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि पेगासस से जासूसी कराए जाने संबंधी आरोप ‘‘गंभीर प्रकृति” के हैं, अगर इससे संबंधित खबरें सही हैं तो।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court expresses displeasure over parallel debate on social media and website on Pegasus case

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे