न्यायालय ने कोविड रोगियों की बार-बार आरटीपीसीआर जांच कराने पर रोक के खिलाफ याचिका का निपटारा किया

By भाषा | Updated: November 26, 2021 20:59 IST2021-11-26T20:59:25+5:302021-11-26T20:59:25+5:30

Court disposes of petition against stay on repeated RTPCR test of Kovid patients | न्यायालय ने कोविड रोगियों की बार-बार आरटीपीसीआर जांच कराने पर रोक के खिलाफ याचिका का निपटारा किया

न्यायालय ने कोविड रोगियों की बार-बार आरटीपीसीआर जांच कराने पर रोक के खिलाफ याचिका का निपटारा किया

नयी दिल्ली, 26 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि कोविड रोगियों की बार-बार आरटीपीसीआर जांच पर रोक को चुनौती देने वाली याचिका की आगे निगरानी की कोई वजह नहीं है। अदालत ने इसके साथ ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) चार मई के परामर्श को चुनौती देने वाली याचिका बंद कर दी थी।

न्यायालय ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के इस रुख के मद्देनजर कि अगर चिकित्सक को मरीज में प्रारंभिक परीक्षण के 14 दिन के भीतर चिकित्सीय उपचार के दौरान संकेत मिलते हैं तो वह फिर से जांच की सिफारिश करने के लिए स्वतंत्र है, याचिका की आगे निगरानी का कोई औचित्य नहीं है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इस टिप्पणी के साथ अधिवक्ता करण आहूजा की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी। आहूजा ने आरटीपीसीआर जांच बार-बार कराने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आईसीएमआर के चार मई के परामर्श को चुनौती दी थी।

पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार और आईसीएमआर के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक द्वारा दाखिल जवाब के मद्देनजर, हमें मामले की निगरानी करने का कोई कारण नहीं दिखता है।’’

आहूजा ने इस साल की शुरुआत में याचिका दायर कर दावा किया था कि आईसीएमआर के परामर्श के कारण, संक्रमित पाये जाने के बाद 28 अप्रैल से 17 दिनों से अधिक समय तक पृथकवास में बिताने के बाद न तो उनका और न ही उनके परिवार के सदस्यों का दोबारा जांच की जा सकती है।

आईसीएमआर ने जवाब दिया कि हालांकि यह माना जाता है कि कोविड-19 रोगियों की आरटीपीसीआर जांच नहीं की जानी चाहिए, फिर भी चिकित्सक प्रारंभिक जांच के 14 दिनों के भीतर पुन: जांच की सिफारिश कर सकते हैं।

दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि वह आरटीपीसीआर जांच बुनियादी ढांचे को अनुकूलित करने के लिए महामारी की दूसरी लहर के दौरान इस याचिका में उठाये गऐ मुद्दे सहित आईसीएमआर द्वारा जारी की गई सलाह को प्रभावी बनाने के लिए बाध्य है।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि चार मई की सलाह ‘‘मनमानी, भेदभावपूर्ण और एक विरोधाभासी स्थिति पैदा करती है क्योंकि एक नकारात्मक आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य रूप से उत्तरदाताओं (केंद्र, आईसीएमआर और दिल्ली सरकार) द्वारा जारी कई अन्य अधिसूचनाओं के लिए आवश्यक है।’’

अदालत ने वकील की याचिका पर एक जून को नोटिस जारी किया था।

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Web Title: Court disposes of petition against stay on repeated RTPCR test of Kovid patients

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