प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की देशमुख की याचिका न्यायालय ने खारिज की

By भाषा | Updated: November 18, 2021 15:27 IST2021-11-18T15:27:01+5:302021-11-18T15:27:01+5:30

Court dismisses Deshmukh's plea to provide records of preliminary inquiry report | प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की देशमुख की याचिका न्यायालय ने खारिज की

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की देशमुख की याचिका न्यायालय ने खारिज की

नयी दिल्ली, 18 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी जिसमें भ्रष्टाचार के मामले में आरंभिक जांच (पीई) रिपोर्ट में आंतरिक संवाद और फाइल नोटिंग समेत रिकॉर्ड की मांग की गई थी। याचिका अस्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि ‘‘क्या हम इस याचिका को इसलिए स्वीकार कर लें क्योंकि वह मंत्री रहे हैं।’’

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने देशमुख की याचिका अस्वीकार करते हुए कहा कि वह इस विषय को सक्षम अदालत में रख सकते हैं और उन्हें ऐसा करने की स्वतंत्रता है।

पीठ ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 32 के तहत याचिका इस आधार पर दाखिल की गयी है कि अदालत ने इस तर्क की बुनियाद पर आदेश पारित किया कि पीई में याचिका के खिलाफ सामग्री हो सकती है। लेकिन कुछ अखबारों की खबरों के अनुसार, याचिकाकर्ता को पूछताछ में क्लीन चिट दे दी गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पीई में सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। हम अनुच्छेद 32 के तहत हमारे अधिकार क्षेत्र का उपयोग करने के इच्छुक नहीं हैं। मौजूदा परिदृश्य में याचिकाकर्ता हमेशा सक्षम अदालत में गुहार लगाने को स्वतंत्र हैं।’’

देशमुख की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि न्यायालय ने पहले कहा था कि पीई पूरी होने दी जाए क्योंकि पुलिस आयुक्त ने ये आरोप लगाये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब पुलिस आयुक्त को भगोड़ा घोषित किया जा रहा है। उन्होंने प्राथमिकी में कहा कि पीई रिपोर्ट के अनुसार संज्ञेय अपराध किया गया है। इंडिया टुडे ने रिपोर्ट प्राप्त की है। कुछ खबरों के मुताबिक याचिकाकर्ता को क्लीन चिट दे दी गयी है।’’

सिब्बल ने कहा, ‘‘बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर पीई में कई अहम पक्षों के बयान दर्ज किये गये हैं। इसमें राजनीतिक मकसद है। परिवार के सभी सदस्यों, कर्मचारियों को रोजाना यह कबूल करने के लिए बुलाया जा रहा है कि आप इस रिपोर्ट को लीक कर रहे हो।’’

हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि इस सब सामग्री को कितनी प्रामाणिकता दी जा सकती है। क्या हमें इस पर इसलिए विचार करना चाहिए क्योंकि वह मंत्री रहे हैं। जांच जारी रह सकती है।

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Web Title: Court dismisses Deshmukh's plea to provide records of preliminary inquiry report

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