अदालत का साकेत गोखले को लक्ष्मी पुरी, उनके पति हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ ट्वीट हटाने का निर्देश

By भाषा | Updated: July 13, 2021 16:18 IST2021-07-13T16:18:57+5:302021-07-13T16:18:57+5:30

Court directs Saket Gokhale to remove tweets against Laxmi Puri, her husband Hardeep Singh Puri | अदालत का साकेत गोखले को लक्ष्मी पुरी, उनके पति हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ ट्वीट हटाने का निर्देश

अदालत का साकेत गोखले को लक्ष्मी पुरी, उनके पति हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ ट्वीट हटाने का निर्देश

नयी दिल्ली, 13 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता साकेत गोखले को पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी एम. पुरी के खिलाफ कथित मानहानि वाले ट्वीट को तत्काल हटाने का मंगलवार को निर्देश दिया। अदालत ने गोखले को मानहानि का मामला लंबित रहने के दौरान लक्ष्मी पुरी और उनके पति केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ निंदात्मक ट्वीट नहीं करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि वर्षों की नि:स्वार्थ सेवा और कड़ी मेहनत से कमाई प्रतिष्ठा किसी के द्वारा बिना सोचे विचारे उंगली उठाने से मिट्टी में मिल सकती है।

न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि यदि गोखले इस आदेश के 24 घंटे के भीतर ट्वीट नहीं हटाते हैं तो इन ट्वीट को ट्विटर द्वारा हटाया जाए। उन्होंने कहा कि जो हानि पुरी और उनके पति को हुई है वह साफ नजर आ रही है और यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंच के अपरिहार्य नुकसान हैं।

अदालत ने संयुक्त राष्ट्र में सहायक महासचिव रह चुकीं पुरी से कहा कि वह कार्यवाही में ट्विटर को भी पक्षकार बनाएं।

गोखले ने 13 जून और 26 जून को किए ट्वीट में पुरी द्वारा स्विट्जरलैंड में कुछ संपत्ति की खरीद के बारे में लिखा था और इसमें उनके पति का जिक्र भी किया था।

अदालत ने यह अंतरिम आदेश लक्ष्मी पुरी द्वारा दायर किए गए मानहानि के वाद में दिया। इस वाद में पूर्व राजनयिक ने गोखले से पांच करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है तथा अदालत से इन ट्वीट को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

अदालत ने 22 पन्नों के फैसले में कहा, ‘‘किसी की सराहना के बजाए आलोचना करना पसंद करना...यह मानवीय स्वभाव का दुर्भाग्यपूर्ण सत्य है जो लंबे समय से दार्शनिक बहस का मुद्दा रहा है।’’ उसने कहा कि जिस तरह से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बढ़ते जा रहे हैं, उसने इस दुर्भाग्यूपर्ण मानवीय प्रवृत्ति को फलने फूलने का मौका दिया है।’’

अदालत ने कहा कि एक बिना सोची विचारी बात से लंबे समय की नि:स्वार्थ सेवा और कड़ी मेहनत से कमाई प्रतिष्ठा एक पल में मिट्टी में मिल सकती है। उसने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में, जानेमाने लोगों की प्रतिष्ठा को तोड़ मरोड़ देना बच्चों के खेल के समान हो गया है और इसके लिए जरूरत है तो बस एक सोशल मीडिया अकाउंट खोलकर संदेश पोस्ट करने की।

अदालत ने कहा कि पुरी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने बताया कि वाद दायर करने तक गोखले के ट्वीट को 26,270 से ज्यादा लोग लाइक कर चुके थे और 8,280 से अधिक लोग रीट्वीट कर चुके थे।

लक्ष्मी पुरी ने याचिका में आरोप लगाया कि गोखले के ट्वीट झूठे और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं, अपने आप में मानहानिकारक हैं और उनके तथा उनके परिवार के खिलाफ निंदात्मक, अपमानजनक वक्तव्य या लांछन हैं।

मामले में तथ्यों का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि पुरी ने 2005 में स्विस अपार्टमेंट खरीदा था और आयकर रिर्टन में इसकी जानकारी दी थी। उनके पति ने भी 2018 और 2020 में चुनावी हलफनामे में इसकी जानकारी दी थी।

अदालत ने आदेश देते हुए कहा, ‘‘प्रतिवादी (गोखले) को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ता (पुरी) के खिलाफ किए गए वे सभी ट्वीट अपने ट्विटर अकाउंट से तुरंत हटाएं जिनका वाद में जिक्र किया गया है। इसके साथ ही वे संबंधित ट्वीट भी हटाए जाएं जो याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रतिवादी द्वारा किए गए अनेक ट्वीट का हिस्सा हैं।’’

अदालत ने मुख्य वाद में गोखले को समन भी जारी किया और उन्हें चार हफ्ते के भीतर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया। मामले को अगली सुनवाई के लिए दस सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

उच्च न्यायालय ने संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ तथ्यों की जांच करने या किसी सरकारी अधिकारी से संपर्क किए बिना अपमानजनक ट्वीट करने पर कार्यकर्ता साकेत गोखले से बृहस्पतिवार को सवाल जवाब किये थे।

इस मामले की सुनवाई के दौरान आठ जुलाई को अदालत ने टिप्पणी की थी कि सम्मान के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर स्वीकार किया गया है और गोखले से पूछा कि वह कैसे किसी व्यक्ति को बदनाम कर सकते हैं , खासतौर पर ऐसे ट्वीट करके जो प्रथमदृष्टया असत्य हैं। गोखले फ्रीलांस पत्रकार हैं।

अदालत ने कहा था, ‘‘यानी आपकी कानूनी समझ के मुताबिक कोई भी एैरा गैरा, नत्थू खैरा, किसी के बारे में कुछ भी इंटरनेट पर लिख देगा, चाहे उससे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ही हानि क्यों नहीं हो?’’

अदालत के आदेश के बाद गोखले ने अमेरिकी कवि माया एंजिलो की कुछ पक्तियां ट्वीट कीं, ‘‘आप मुझे अपने शब्दों से भेद सकते हो, अपनी आंखों से चीर सकते हो, अपनी नफरत से मार सकते हो लेकिन हवा की तरह मैं बढ़ता रहूंगा। चांद और सूरज की तरह, लहरों की तरह, उम्मीदों की तरह मैं ऊंचा उड़ता रहूंगा।

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