न्यायालय का केंद्र को कोविड टीकाकरण नीति पर संबंधित दस्तावेज पेश करने का निर्देश

By भाषा | Updated: June 2, 2021 18:45 IST2021-06-02T18:45:04+5:302021-06-02T18:45:04+5:30

Court directs Center to present related documents on Kovid vaccination policy | न्यायालय का केंद्र को कोविड टीकाकरण नीति पर संबंधित दस्तावेज पेश करने का निर्देश

न्यायालय का केंद्र को कोविड टीकाकरण नीति पर संबंधित दस्तावेज पेश करने का निर्देश

नयी दिल्ली, दो जून उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से कहा है कि कोविड-19 टीकाकरण नीति से जुड़ी अपनी सोच को दर्शाने वाले सभी प्रासंगिक दस्तावेज और फाइल पर की गयी टिप्पणियां रिकॉर्ड पर रखे तथा कोवैक्सीन, कोविशील्ड एवं स्पुतनिक वी समेत सभी टीकों की आज तक की खरीद का ब्योरा पेश करे।

शीर्ष अदालत ने म्यूकरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) की दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी बताने को कहा है। इसके अलावा निशुल्क टीकाकरण के संबंध में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से दो सप्ताह के भीतर अपना रुख बताने को कहा गया है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट की विशेष पीठ ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार अपना हलफनामा दाखिल करते समय यह भी सुनिश्चित करेगी कि टीकाकरण नीति पर उसकी सोच को दर्शाने वाले सभी प्रासंगिक दस्तावेज तथा फाइल नोटिंग की प्रतियां टीकाकरण नीति के साथ संलग्न हों।’’

न्यायालय की वेबसाइट पर डाले गये 31 मई के आदेश में पीठ ने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार को दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।’’

पीठ ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने को कहा कि आदेश में प्रत्येक मुद्दे पर अलग-अलग जवाब दिया जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘कोविड-19 के सभी टीकों (कोवैक्सीन, कोविशील्ड तथा स्पुतनिक वी) की खरीद पर आज तक के केंद्र सरकार के ब्योरे के संबंध में संपूर्ण आंकड़े होने चाहिए। इन आंकड़ों में स्पष्ट होना चाहिए: (क) केंद्र सरकार द्वारा तीनों टीकों की खरीद के लिए दिये गये सभी ऑर्डर की तारीखें, (ख) हर तारीख पर कितनी मात्रा में टीकों का ऑर्डर दिया गया, उसका ब्योरा और (ग) आपूर्ति की प्रस्तावित तारीख।’’

शीर्ष अदालत ने कोविड-19 के प्रबंधन पर स्वत: संज्ञान लिये गये एक मामले में यह आदेश दिया है।

पीठ ने इस बारे में भी विवरण जमा कराने को कहा है कि कितनी प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो चुका है। इसमें पहली खुराक और दूसरी खुराक के संबंध में भी जानकारी देनी होगी।

पीठ ने कहा, ‘‘इस संबंध में आंकड़े भी मुहैया कराना है कि ग्रामीण आबादी, शहरी आबादी कि कितने प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हुआ है।’’ शेष आबादी के टीकाकरण के बारे में भी जानकारी देनी होगी।

न्यायालय ने उल्लेख किया कि केंद्र ने नौ मई के अपने हलफनामे में कहा था कि प्रत्येक राज्य, केंद्रशासित प्रदेश अपनी आबादी को निशुल्क टीके मुहैया कराएंगे और कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक सरकार शीर्ष अदालत में अपने रुख की पुष्टि या इनकार करे।

पीठ ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने अपनी आबादी का मुफ्त टीकाकरण करने का फैसला किया है तो यह जरूरी है कि यह नीति उन्हें अपने हलफनामे में शामिल करनी चाहिए ताकि उनके क्षेत्र की आबादी इस बारे में आश्वस्त हो सके कि राज्य के टीकाकरण केंद्र पर मुफ्त में टीकाकरण होगा।’’

पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए हम प्रत्येक राज्य, केंद्रशासित क्षेत्रों की सरकारों को दो सप्ताह में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं जिसमें उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करना होगा और नीति को रिकॉर्ड पर रखना होगा।’’

मामले में आगे 30 जून को सुनवाई होगी।

शीर्ष अदालत ने 31 मई को ग्रामीण और शहरी भारत के बीच डिजिटल विभाजन को रेखांकित करते हुए कोविड टीकों के लिए कोविन प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य पंजीकरण को लेकर केंद्र से सवाल पूछे थे।

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Web Title: Court directs Center to present related documents on Kovid vaccination policy

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