मुंबई, पांच अगस्त मुंबई की एक विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटक सामग्री वाली एसयूवी मिलने के मामले में वह अर्जी बृहस्पतिवार को खारिज कर दी जो उसने निर्धारित अवधि में आरोपपत्र दाखिल नहीं होने के आधार पर खुद के ‘‘जमानत का हकदार होने’’ के तौर पर दायर की थी। अदालत ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और एक महीने का समय दिया।
अदालत ने नौ जून को एनआईए को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए दो महीने का समय दिया था। केंद्रीय एजेंसी ने बाद में एक और विस्तार का अनुरोध करते हुए कहा कि जांच अभी भी चल रही है।
वाजे ने इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया था कि जांच एजेंसी निर्धारित समय के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने में विफल रही, इसलिए वह रिहा होने का हकदार है।
ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत के बाद वाजे को 13 मार्च, 2021 को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। हिरन ने दावा किया था कि 25 फरवरी को अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास मिली एसयूवी उसके कब्जे से चोरी हो गई थी।
हालांकि एनआईए की विशेष अदालत ने वाजे की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि इसमें कोई दम नहीं है। अदालत ने जून में भी वाजे की इसी तरह की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। वाजे के अलावा, पूर्व 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा और कुछ अन्य पूर्व पुलिसकर्मी मामले में आरोपी हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।